रेलवे स्टेशन या ट्रैक पर रील बनाना पड़ सकता है भारी: बिना अनुमति शूटिंग पर जुर्माना और जेल, रेलवे ने जारी किए सख्त निर्देश
सोशल मीडिया पर रील बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए रेलवे ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ट्रैक और स्टेशन परिसर में बिना अनुमति वीडियोग्राफी को अपराध घोषित किया है। पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल दोनों संभव हैं।


रेलवे स्टेशन या ट्रैक पर रील बनाना अब अपराध है। जानिए रेलवे एक्ट और आईटी एक्ट के तहत क्या है सजा, कितना जुर्माना लगेगा और किन स्थानों पर पूरी तरह बैन है वीडियोग्राफी।
रायपुर, 11 सितंबर 2025: भारतीय रेलवे ने सोशल मीडिया पर रील बनाने के बढ़ते चलन को देखते हुए सख्त कदम उठाए हैं। अब रेलवे स्टेशन, ट्रैक या ट्रेन में बिना अनुमति वीडियो या फोटोग्राफी करना भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। इस दिशा में रेलवे ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि ऐसा करने पर न केवल आर्थिक दंड बल्कि जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
सोशल मीडिया का खतरनाक ट्रेंड
हाल के वर्षों में युवाओं के बीच रेलवे ट्रैक और प्लेटफॉर्म पर रील बनाने का क्रेज तेजी से बढ़ा है। कई बार यह शौक जानलेवा साबित हुआ है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस प्रवृत्ति से न केवल वीडियो बनाने वाले व्यक्ति की जान जोखिम में पड़ती है, बल्कि अन्य यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में आ जाती है। तेज रफ्तार ट्रेनों से टकराने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
रेलवे की सख्त कार्रवाई
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति स्टेशन परिसर या ट्रैक पर रील बनाते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा दोषी को तीन से छह महीने तक की जेल भी हो सकती है। रेलवे प्रशासन एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू कर सकता है।
कहां-कहां पूरी तरह प्रतिबंध
रेलवे मैनुअल के अनुसार निम्नलिखित स्थानों पर बिना अनुमति वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी पूरी तरह प्रतिबंधित है:
स्थान | अनुमति की आवश्यकता | दंड का प्रावधान |
---|---|---|
रेलवे ट्रैक | हां | जुर्माना + जेल |
प्लेटफॉर्म | हां | जुर्माना + जेल |
ट्रेन के अंदर | हां | जुर्माना + जेल |
ऐतिहासिक धरोहरें | हां | जुर्माना + जेल |
सरकारी इमारतें | हां | जुर्माना + जेल |
संवेदनशील क्षेत्र | हां | जुर्माना + जेल |
कमर्शियल शूटिंग के लिए संबंधित जोन के सीपीआरओ या रेलवे बोर्ड से लिखित अनुमति और निर्धारित शुल्क अनिवार्य है।
कानूनी प्रावधान
रेलवे एक्ट 1989 के तहत बिना अनुमति शूटिंग करने पर ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना और तीन से छह महीने तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा, आईटी एक्ट 2000 की धारा 66E के अनुसार किसी की वीडियो या फोटो बिना अनुमति रिकॉर्ड करने पर तीन साल तक की कैद या ₹2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति अश्लील या आपत्तिजनक कंटेंट रिकॉर्ड करता है, तो आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
रेलवे का जागरूकता अभियान
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों और आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान भी शुरू किए हैं। आरपीएफ और जीआरपी द्वारा स्टेशन परिसर में पोस्टर लगाए जा रहे हैं और यात्रियों को समझाया जा रहा है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और सोशल मीडिया के लिए अपनी जान जोखिम में न डालें।