
रायपुर । छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों के डॉक्टरों के बिना पंजीयन चिकित्सा प्रैक्टिस किए जाने का मामला सामने आया है। इसे लेकर रायपुर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (CMHO) ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी निजी अस्पतालों को पत्र जारी किया है। पत्र में तीन दिन के भीतर ऐसे डॉक्टरों की जानकारी मांगी गई है, जो बिना छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद में पंजीयन के कार्यरत हैं।

जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्य में किसी भी बाहरी डॉक्टर को तब तक प्रैक्टिस की अनुमति नहीं है, जब तक वह छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद में विधिवत पंजीकृत न हो। इसके बावजूद कुछ डॉक्टर अन्य राज्यों से आकर न सिर्फ निजी अस्पतालों में बल्कि होटलों और ओपीडी के माध्यम से भी इलाज कर रहे हैं, जो कि नर्सिंग होम एक्ट और परिषद के नियमों का उल्लंघन है।
निर्देशों के अनुसार, जिन अस्पतालों में ऐसे डॉक्टर कार्यरत हैं, उन्हें तुरंत जानकारी साझा करनी होगी। साथ ही, भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है।
CMHO ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम मरीजों की सुरक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
CMHO के इस पत्र के बाद अब सभी की नजरें निजी अस्पतालों की प्रतिक्रिया और पुलिस जांच पर टिकी हैं। यदि अस्पताल समय पर जानकारी साझा नहीं करते, तो उनके खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।
साथ ही, बिना पंजीकरण के प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ भी कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं। यह मामला छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य प्रशासन की सतर्कता को दर्शाता है और अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।