सरकार युवाओं एवं दिव्यांगों के आंदोलन से डरी हुई है पुलिसया तंत्र से उसे कुचलना चाहती: धनंजय ठाकुर

रायपुर । रायपुर तेलीबांधा में अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे की दिव्यांगों के साथ आधी रात को पुलिस तंत्र की बर्बरता की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार लोकतंत्र के तहत मिले अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म करना चाहती है ।

तेलीबांधा तालाब में दिव्यांगजन अपने जायज मांगों को लेकर बीते कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं ।सरकार उनकी मांगों को सुन नहीं रही है ।उनसे चर्चा नहीं कर रही है और दिव्यांगों के आंदोलन से घबराई सरकार आधी रात को पुलिस बल भेज कर दिव्यांगों के साथ मारपीट करवाई,उनके कपड़े फाडे,उन्हें घसीटा गया,उन्हें डराया गया और लाइट बंद करके उनके ऊपर अत्याचार किया गया।पुलिस की बर्बरता बेहद निंदनीय आपत्तिजनक है कांग्रेस पार्टी दिव्यांगों के मांगों का समर्थन करती है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश में लोकतंत्र खतरा में है। लोकतंत्र की आजादी को तानाशाही सरकार खत्म करना चाहती है ।दिव्यांग आंदोलन कर रहे हैं, युवा आंदोलन कर रहे हैं, बर्खास्त B.Ed धारी शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं और सरकार उनसे चर्चा करने के बजाय इन पर बैत प्रहार करती है ।फर्जी मुकदमे दर्ज कराती है और आंदोलन को कुंचलना चाहती है। भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ कांग्रेस पार्टी दिव्यांग युवाओं के साथ खड़ी हुई है प्रदेश की जनता तानाशाही से डरने वाली नहीं है सरकार को दिव्यांगों की मांगों को सहानुभूति पूर्वक पूरा करना चाहिए।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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