रायपुर की साइबर पुलिस ने दिल्ली के दो ठगों को किया गिरफ्तार,ठगी की रकम को डॉलर के माध्यम से भेजते थे चीन-थाईलैंड

रायपुर । रायपुर की साइबर रेंज पुलिस ने दिल्ली के दो साइबर ठगों को रायपुर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित पवन कुमार, दिल्ली के उत्तम नगर और गगनदीप, विकासपुरी के रहने वाले हैं।

पुलिस ने बताया कि आरोपितों के पास से 100 करोड़ से ज्यादा की इनवॉइस जब्त की है। इसमें भारतीय रुपये को डॉलर में बदलकर चीन और थाईलैंड भेजा गया है। इसके अलावा आरोपितों के बैंक खातों से करीब 175 करोड़ रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन की भी जानकारी मिली है। पुलिस ने उनके बैंक अकाउंट से 2 करोड़ से अधिक रुपये होल्ड करवाएं करवाए हैं।

रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम) संदीप मित्तल ने आज जानकारी दी कि ठगी की राशि को आरोपित डॉलर में कन्वर्ट कर थाईलैंड की फर्म में ट्रांसफर करते थे। उन्होंने बताया है कि करीब 1 करोड़ 20 लाख डॉलर का इनवॉइस मिला है।

जिसका विश्लेषण किया जा रहा है।इसके अलावा आरोपितों के खाते से 175 करोड़ रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। जानकारी दी गई है कि आरोपित पवन और गगनदीप ने अपने आधार कार्ड में रायपुर का पता परिवर्तित कराया और इसके आधार पर दो फर्जी कंपनी फ्रिज टेक सोल और जीपी इंटरप्राइजेज बनाई। इस कंपनी के आधार पर उन्होंने अलग-अलग बैंकों में अकाउंट ओपन कराकर आरोपितों ने हांगकांग और थाईलैंड की चार-चार कंपनियों को अमेरिकन डॉलर में ट्रांजेक्शन किए हैं।

उल्लेखनीय है कि रायपुर के टाटीबंध निवासी रिटायर्ड सरकारी डॉ प्रकाश गुप्ता शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा होने के नाम से 11 लाख की साइबर ठगी के शिकार हुए थे।फरवरी 2024 से मई 2024 के बीच आरोपितों ने उन्हें लालच देकर उनसे एक आईएसी ऐप डाउनलोड कराया और 11 लाख की ठगी कर ली। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने साइबर पुलिस को इस मामले में जांच के निर्देश दिए थे।जो फोन नंबर का इस्तेमाल किया था, पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली और रायपुर में दिल्ली के रहने वाले आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

विवेचना क्रम में तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए गए। पता चला कि आरोपी पवन और गगनदीप दोनों दिल्ली के निवासी हैं। दोनों आरोपी रायपुर छत्तीसगढ़ आकर अपने आधार कार्ड में रायपुर का पता बदलवाए तथा उसी पता के आधार पर दो फर्जी कंपनी फ्रिज टैक सोल एवं जीपी इंटरप्राइजेस बनाकर अलग अलग बैंकों में 30 प्लेटिनियम अकाउंट खोले। उक्त बैंक अकाउंट का प्रयोग ठगी से प्राप्त रकम से US डॉलर खरीद कर हॉन्गकांग की 4 कंपनी हाइपरलिंक इंफोसिस्टम लिमिटेड, ब्लू ऑर्किड ग्लोबल, कंसाई इंटरनेशनल लिमिटेड, एम एस मॉर्निंग तथा थाईलैंड की 4 कंपनी NRI सिस्टम टेक्नो, परसौल प्रोसेस एंड टेक्नोलॉजी, ग्लोबल विजार्ड टेक्नोलॉजी, डाटा आर्ट टेक्नोलॉजी को US डॉलर भेजते थे।

उक्त हॉन्गकांग और थाईलैंड की कंपनियां के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं, ये कंपनियां वहीं संचालित हैं जहां डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड एवं अन्य साइबर अपराधों से संबंधित IP की जानकारी मिली है। आरोपियों से पूछताछ में लुधियाना, दिल्ली की कंपनी की जानकारी मिली है, जिस पर कार्यवाही जारी है।

पुलिस ने बताया कि आरोपितों के पास से 41 बैंक अकाउंट, डालर परचेज इन्वॉयस ,चेक बुक, वन टाइम पासकोड डिवाइस, कंप्यूटर लैपटॉप,पेन ड्राइव,यूपीआई स्कैनर और अलग-अलग एड्रेस के आधार कार्ड जप्त किए गए हैं। इन आरोपितों के खिलाफ 10 राज्यों में केस दर्ज है।

गिरफ्तार आरोपी

  • पवन कुमार पिता सुखबीर सिंह, उम्र 40 वर्ष, थर्ड फ्लोर, RZ 74 गुरु हरकिशन नगर, मटियाला एक्सटेंशन, उत्तम नगर दिल्ली
  • गगन दीप पिता दर्शन लाल उम्र 44 वर्ष, 43/58 A अपर ग्राउंड फ्लोर, KH नंबर 41/5 विकासपूरी एक्सटेंशन दिल्ली

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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