संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई पथराव और आगजनी की घटना पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई पथराव और आगजनी की घटना पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा हमला बोला है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में जानबूझकर हिंसा कराई गई है, जानबूझ कर संभल में सर्व टीम को भेजा गया. संभल की घटना को सरकार ने करवाई है, संभल की घटना मुद्दे को भटकाने के लिए हुई है.

संभल की घटना को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि इसमें एक युवक की मौत भी हुई है, दूसरे साइड की कोई सुनने वाला नहीं है. वहीं उन्होंने कहा कि उपचुनाव में धांघली हुई है, चुनाव में एक विधायक को भी अपमानित होना पड़ा. जिनके अंगुली पर निशान नहीं है उनके भी वोट डाले गए हैं. ईवीएम की फॉरेंसिक जांच होनी चाहिए.

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा संभल में जानबूझकर ये कराया गया है ताकि चुनाव की बेईमानी पर चर्चा ना हो सके, संभल में ये सब जानबूझकर किया गया है. जिस जीत के अंदर छल होता है उसके पीछे नाटक होता है, ऐसी जीत जितने वाले को कमजोर करती है. बिना जमीर के जीने वाले खोखले होते हैं, भाजपा को हारने का डर उसी दिन साबित हो गया था जिस दिन वहां से BLA हटा दिए गये थे. PDA के अधिकारी हटा दिए गए थे, जिनकी उंगलियों पर निशान नहीं हैं उनके भी वोट डाले गये हैं.

सपा मुखिया ने कहा कि ये नए जमाने की इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग है, एक देश लोकतांत्रिक क्रांति की तरफ बढ़ता जाता है जब धीरे-धीरे सब छिना जाता है. उत्पीड़न अन्याय जोड़ने का काम करता है तोड़ने का नहीं, PDA का अपमान सदियों से किया गया, यही इसे जोड़ता है, यही भाजपा की चिंता है.

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के वोटर्स को रोक दिया. अगर समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने वोट नहीं डाला तो वोट किसने डाला बड़ा सवाल है. दो तरह की पर्ची कैसे बनी? अगली बार एक लाख वोटों से कुंदरकी वाले बीजेपी को हराएंगे, चुनाव आयोग से और शिकायत की जाएगी.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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