बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकाें में हाे रहे लगातार नक्सली मुठभेड़ में नक्सलियाें के बड़े कैडराें के मारे जाने के बाद कमजाेर पड़ चुके बाैखलाये नक्सली इन दिनाें मुखबिरी करने का आरोप लगाकर ग्रामीणाें की हत्या कर अपने वजूद काे बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
इसी क्रम में इस बार बस्तर संभाग के ग्रामीणाें के स्थान पर छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर तेलंगाना के मुलुगु जिले में नक्सलियों ने मुखबिरी करने का आरोप लगाकर पंचायत सचिव और एक ग्रामीण का अपहरण कर कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी।
वारदात के बाद नक्सलियों की वाजेदु वेंकटपुरम क्षेत्र की सचिव शांता ने पर्चा जारी कर लिखा है कि यह दोनों पुलिस के लिए मुखबिरी कर रहे थे। नक्सली हत्या की वरदात के बाद वहां के भयावह स्थिति से दाे-चार हाे रहे ग्रामीण किन परिस्थितियाें अपने जीवन का निर्वहन कर रहे हैं, इनकी पीड़ा काे समझने वाला वहां काेई भी नहीं है। बावजूद इसके इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि, केंद्र और छग की सरकार के द्वारा नक्सलियाें के खात्में के लिए तय किये गये समय सीमा 10 मार्च 2026 तक और कितने मजबूर ग्रामीण नक्सली हत्या के शिकार हाेंगे? यह बड़ा प्रश्न है?
मिली जानकारी के अनुसार बीती शुक्रवार रात में 10-15 की संख्या में हथियारबंद नक्सली पेरूर गांव पहुंचे थे। उन्होंने गांव के पंचायत सचिव उइका रमेश और एक ग्रामीण उइका अर्जुन को घर से उठा लिया। इसके बाद दोनों को गांव से बाहर लेकर जाकर दाेनाे की हत्या कर दी । वारदात के बाद दोनों के शवों को मौके पर ही छोड़कर नक्सली जंगल की तरफ भाग निकले। वहीं जब इसकी खबर पुलिस को मिली तो जवान मौके पर पहुंचकर दोनों के शवों को बरामद किया गया । वहीं पुलिस उस इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है।