सुप्रीम कोर्ट ने लगाई संभल मस्जिद के पास के कुएं में पूजा करने पर रोक, हो सकेगा सार्वजनिक इस्तेमाल

संभल में शाही जामा मस्जिद के पास कुएं को हरि मंदिर का कुआं कहने वाले नगरपालिका के नोटिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. मस्जिद कमिटी ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने की मांग की थी. कमिटी का कहना था कि कुएं की खोदाई और उसे मंदिर का कुआं कहने से वहां पूजा शुरू हो जाएगी. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए 21 फरवरी को अगली सुनवाई की बात कही.

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान साफ किया कि कुएं का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है. इस पर कोई रोक नहीं है. दरअसल, मस्जिद पक्ष के वकील इसे सिर्फ मस्जिद का कुआं बता रहे थे और वहां किसी भी तरह की दूसरी गतिविधि पर रोक की मांग कर रहे थे. लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह सार्वजनिक जगह पर बना कुआं है. मस्जिद के अलावा इसका इस्तेमाल दूसरे लोग भी कर सकते हैं.

यूपी सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि कुआं सार्वजनिक जमीन पर है. मस्जिद पक्ष के वकील ने कहा कि आधा कुआं मस्जिद के भीतर है, आधा बाहर. कोर्ट ने फिलहाल कुएं को लेकर यथास्थिति बनाए रखने को कहा.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि उसका आदेश सिर्फ एक कुएं तक सीमित है जो मस्जिद के प्रवेश द्वार के पास है. संभल में जिन दूसरे कुओं और बावड़ियों की प्रशासन खोदाई करवा रहा है, उस पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद मीडिया से बात करते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 2006 तक हिंदू उस कुएं में पूजा करते थे. इलाके में एक समुदाय की संख्या बढ़ जाने से हिदुओं ने वहां जाना बंद कर दिया. अब उसे मस्जिद का कुआं साबित करने की कोशिश की है रही है. अगली सुनवाई में वह इस बारे में सबूत कोर्ट के सामने रखेंगे.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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