यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में प्रेम मंदिर के संस्थापक जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी की मौत

यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में आज रविवार (24 नवंबर) की सुबह हुए सड़क हादसे में प्रेम मंदिर के संस्थापक जगतगुरु कृपालु महाराज की बेटी की मौत हुई है और दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं. यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए इस दर्दनाक हादसे में जगतगुरु कृपालु महाराज जी की बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई. वहीं दो बेटियों डॉक्टर कृष्ण त्रिपाठी और डॉक्टर श्याम त्रिपाठी की हालत गंभीर है.

इस हादसे में इनके अलावा अन्य लोग भी घायल हुए हैं, तीनो बहन रविवार को सुबह सिंगापुर जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट जा रही थीं तभी यह हादसा हुआ. तेज गति से आ रहे है कैंटर और दो कार में भीषण टक्कर हो गई. इस टक्कर से कारों के परखच्चे उड़ गए और कार सवार छह महिलाओं समेत आठ लोग घायल हो गए.

थाना पुलिस के मुताबिक दनकौर इलाके से गुजर रही यमुना एक्सप्रेसवे पर 8 किलोमीटर के माइल स्टोन के पास आगरा से नोएडा की तरफ जाने वाले रास्ते पर अशोक लीलैंड कैंटर ने इनोवा हाय क्रॉस और टोयोटा केमरी को पीछे से टक्कर मार दी.

इस हादसे में कार में सवार दीपक, हंसा पटेल, कश्मीरा पटेल, जानूका खडका, संजय मलिक, विशाखा त्रिपाठी, श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिनमें पांच की स्थिति गंभीर है. पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटा दिया है. उसके बाद से एक्सप्रेसवे पर यातायात सामान्य है.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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