छत्तीसगढ़ के बीजापुर में गणतंत्र दिवस से पहले जिले के कवरगट्टा गांव में सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गांव में 40 साल में पहली बार तिरंगा फहराया जाएगा, क्योंकि यह क्षेत्र माओवादियों का गढ़ माना जाता था और यहां पहले काले झंडे फहराए जाते थे।
#WATCH | Bijapur, Chhattisgarh | Security measures enhanced in Kawargatta village, Bijapur, before Republic Day 2025. The tricolour will be hoisted in the village for the first time in 40 Years, as this area was considered a stronghold of Maoists where black flags were hoisted… pic.twitter.com/lXDa1Y4sKq
— ANI (@ANI) January 25, 2025
एक समय ताकतवर बटालियन का था कब्जा
नक्सलियों की सबसे ताकतवर बटालियन के गढ़ को भेदते हुए तर्रेम से पामेड़ को जोड़ती सड़क दोबारा बन रही है। इस सड़क मार्ग को पुनः बहाल करने पुलिस के आला अफसरों के साथ जवानों ने कमान संभाली है। मौके पर अफसरों ने बताया कि जहां कदम- कदम पर प्रेशर आईईडी, बूबी ट्रेप और एंबुश के खतरों की चुनौतियों से जवान पार पा रहे है।
मार्च 2026 नक्सलवाद खत्म का मास्टर प्लान
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की घोषणा के बाद सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। बस्तर में अब माओवाद के पांव उखड़ने लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से बीते चार दशक से मुख्य रूप से माओवाद का दंश झेल रहे बीजापुर, सुकमा जिले के बीहड़ इलाके में सुरक्षाबलों की तेजी से बढ़ते दखल ने नक्सल संगठन को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है। नक्सलवाद के खिलाफ सरकार नई नीति पर काम कर रही है। बीते एक साल में अति नक्सल ग्रस्त बीजापुर-सुकमा के सरहदी इलाकों को केंन्द्रित करते हुए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस कैम्प खोले गए हैं।