पीएम मोदी ने की छत्तीसगढ़ के बिल्हा क्षेत्र की महिलाओं के स्वच्छता योगदान की सराहना, विधायक डॉ अग्रवाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा-गुमनाम नायकों को मिलता है मंच

प्रधानमंत्री के 'लोकल को वोकल' के लक्ष्य को जीवन में उतारें और देश की प्रगति में सक्रिय योगदान दें : विधायक डॉ संपत अग्रवाल



बसना । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 126वें संस्करण का प्रसारण आज, 28 सितंबर, 2025 को हुआ। बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं और आम जनता के साथ अपने निवास पर इस प्रेरक संबोधन को सुना। इस ऐतिहासिक संबोधन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, विधायक डॉ. अग्रवाल ने इसे ‘जन-जन की प्रेरणा और राष्ट्र निर्माण का दर्पण’ बताया।

विधायक डॉ. अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री ने एक बार फिर देश की नारी शक्ति, स्थानीय उद्यम और स्वदेशी उत्पादों को सम्मान देकर देश की बदलती तस्वीर को सामने रखा है।

विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने कहा कि आज के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से ‘स्वदेशी अपनाने’ की बात पर ज़ोर दिया। यह हम सभी देशवासियों के लिए एक सीधा संदेश है कि हम अधिक से अधिक स्वदेशी सामान खरीदने की कोशिश करें। स्वदेशी अपनाना केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम का विषय है, जो हमारे स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्योगों को मजबूती देता है।

विधायक डॉ अग्रवाल ने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री देश के कोने-कोने से उदाहरण देते हैं, तो इससे स्थानीय स्तर पर काम करने वाले लोगों का मनोबल बढ़ता है। इस संबंध में उन्होंने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की चर्चा का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने आज फिर छत्तीसगढ़ की चर्चा की, जिसे सुनकर सचमुच दिल गदगद हो गया। उन्होंने बिल्हा क्षेत्र की 200 महिलाओं का उल्लेख किया, जिन्होंने स्वच्छता अभियान में उल्लेखनीय योगदान दिया। इस तरह की राष्ट्रीय सराहना स्थानीय स्तर पर काम कर रहे लोगों को प्रोत्साहित करती है और उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाती है। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री का ध्यान दूर-दराज के क्षेत्रों में हो रहे सकारात्मक बदलावों पर है।

विधायक डॉ. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री के संवाद शैली और संदेश की गहराई की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘मन की बात’ के माध्यम से हमेशा देश के सुदूर क्षेत्रों के ऐसे गुमनाम नायकों और सकारात्मक प्रयासों को मंच दिया है, जिनकी कहानियाँ प्रेरणादायक हैं। इस बार भी उन्होंने जिस तरह से ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से काम कर रहे लाखों स्वयंसेवकों के प्रयासों का उल्लेख किया, वह दर्शाता है कि सरकार का ध्यान ज़मीनी स्तर के बदलाव और जनभागीदारी पर है।

विधायक डॉ अग्रवाल संपत अग्रवाल ने प्रधानमंत्री के आह्वान को दोहराते हुए जनता से अपील की प्रधानमंत्री जी का यह आह्वान कि हम सभी को अपनी संस्कृति और परंपराओं को पर्व-त्योहारों के माध्यम से जीवित रखना चाहिए, बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही, उन्होंने एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को दोहराया। यह लक्ष्य हम सभी को अपने-अपने क्षेत्र में ‘लोकल को वोकल’ बनाने और अपने उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रेरित करता है।

अंत में, बसना विधायक ने जनता से अपील की कि वे प्रधानमंत्री के इन विचारों और उनके द्वारा बताए गए सकारात्मक कार्यों को केवल सुनें नहीं, बल्कि उन्हें अपने जीवन में उतारें और देश की प्रगति में सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम जनता से सीधा संवाद करने का एक प्रभावशाली मंच है, जो देश को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रेरणा देता है।

विधायक डॉ संपत अग्रवाल के साथ जिला उपाध्यक्ष रमेश अग्रवाल,जनपद उपाध्यक्ष मोहित पटेल, महंत लखन मुनि साहेब, विधायक प्रतिनिधि सोनू छाबड़ा,खेमचंद्र अग्रवाल सहित कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” का श्रवण किया।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button