धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि अपर्याप्त, छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय : सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर । केंद्र सरकार के द्वारा तय समर्थन मूल्य में मात्र 69 रू. की वृद्धि को अपर्याप्त है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले साल धान के एमएसपी में 5.36 प्रतिशत वृद्धि हुई थी, 2183 से 117 रुपए बढ़ते हुए 2300 रुपए प्रति क्विंटल किया गया था, इस बार मात्र 3 प्रतिशत?, जबकि महंगाई वृद्धि दर लगभग 8 प्रतिशत। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने और सी 2 फार्मूले से लगात पर 50 प्रतिशत लाभ देने का वादा करके सत्ता में आई मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों को धोखा दिया है। इस बार खरीफ़ सीजन 2025-26 के लिए मंजूर किए गए एमएसपी की घोषणा के अनुसार धान पर कुल वृद्धि 3 प्रतिशत मात्र है, 2300 से बढ़ाकर 2369 अर्थात् 69 रुपए प्रति क्विंटल की है। सी 2 फार्मूले के अनुसार कृषि लागत में नकदी खर्च, खाद, बीज, पानी, रसायन, मजदूरी के साथ ही गैर नकदी लागत के अलावा जमीन की लीज रेंट और उससे जुड़ी खर्च पर लगने वाले ब्याज को भी शामिल किया जाना चाहिए, साथ-साथ किसान परिवार के मेहनत के अनुमानित लागत को भी जोड़ा जाना चाहिए, लेकिन दुर्भावनापूर्वक लागत में इनमें से कई खर्चो को शामिल नहीं किया गया। न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि और बढ़ती महंगाई के चलते धान के खेती में कृषि लगात में एक साल के दौरान औषत वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन किसान विरोधी मोदी सरकार ने एमएसपी में मात्र 3 प्रतिशत की ही वृद्धि की है जो किसानों के साथ अन्याय है, अत्याचार है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2023-24 में बोनस की राशि 917 रुपए प्रति क्विंटल थी, जो एमएसपी के अतिरिक्त धान के किसानों को मिल रहा था, जिसे 2024-25 में साय सरकार ने घटाकर 800 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया और अब यह और भी घटकर मात्र 732 रुपए प्रति क्विंटल (3100-2369) रह जाएगा। एमएसपी में वृद्धि के चलते 3100 और एमएसपी के अंतर की राशि जिसका लाभ किसानों को मिलना चाहिए उसे भाजपा की सरकार हड़प रही है। 3100 के साथ ही 2024-25 में किए गए एमएसपी में वृद्धि 117 तथा 2025-26 में किए गए एमएसपी में वृद्धि 69 को जोड़कर कुल 3286 रुपए प्रति क्विंटल होता है, यदि 8 प्रतिशत वृद्धि किया जाए तो 184 रुपए की वृद्धि होगी अतः 3400 प्रति क्विंटल की दर से छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी होनी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार के गलत आर्थिक नीतियों से कृषि लागत बढ़ी है, हाल ही में छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग के द्वारा न्यूनतम मजदूर की दरों में भी परिवर्तन किया गया है, खाद, बीज, कीटनाशक, सहित कृषि मजदूरी की लागत भी बढ़ी है, डीज़ल पर सेंट्रल एक्साइज मोदी राज में तीन गुना बढ़ा है, लेकिन उस अनुपात में धान के एमएसपी में वृद्धि नगण्य है। धान की एमएसपी में कम से कम 8 प्रतिशत की वृद्धि करके 2484 रुपए प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए। बोनस की राशि 917 रू. जोड़कर छत्तीसगढ़ सरकार 3400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की घोषणा करे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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