सूने मकान में सेंधमारी, विधि के साथ संघर्षरत बालक गिरफ्तार

रायपुर । राजधानी के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र अंतर्गत अम्बेडकर चौक में एक सूने मकान का ताला तोड़कर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले विधि के साथ संघर्षरत बालक को पुलिस ने कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा गुढ़ियारी थाने की संयुक्त कार्रवाई के तहत यह सफलता मिली।

घटना 11 जून की है, जब प्रार्थिया मीना रंगारी अपने परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने घर से निकली थीं। देर रात घर लौटने पर उन्होंने पाया कि मेन दरवाजे का ताला टूटा हुआ है। घर के अंदर जाने पर सामान अस्त-व्यस्त मिला और दोनों आलमारियों के लॉक भी तोड़े जा चुके थे। लॉकर में रखे सोने-चांदी के जेवरात एवं नगदी गायब थे।

इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट और थाना गुढ़ियारी की टीम को आरोपी की पहचान कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।

संयुक्त टीम ने मौके का निरीक्षण किया और आसपास के लोगों से पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और मुखबिरों को सक्रिय किया गया। इसी दौरान टीम ने एक संदिग्ध बालक को चिन्हित कर उसे हिरासत में लिया। पूछताछ में बालक ने चोरी की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की।

पुलिस ने आरोपी के कब्जे से करीब 12 लाख रुपये मूल्य के चोरी किए गए सोने-चांदी के जेवरात एवं नगदी बरामद कर ली है। उसके खिलाफ अपराध क्रमांक 299/25 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 331(4), 305(ए) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया गया है।

गिरफ्तारी

विधि के साथ संघर्षरत 01 बालक।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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