आज जी7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन उस समय राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा ले रहे थे, अचानक सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर अपने देश लौट गए। इस अप्रत्याशित कदम ने न केवल शिखर सम्मेलन में मौजूद अन्य विश्व नेताओं को चौंका दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
सुबह से ही यह खबरें आनी शुरू हो गई थीं कि राष्ट्रपति ट्रंप बैठक में सामान्य से अधिक गंभीर दिख रहे थे और उनकी टीम के सदस्यों के बीच भी कुछ तनाव देखा जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कई महत्वपूर्ण सत्रों में अपनी भागीदारी सीमित कर दी थी और कुछ बैठकों से तो वे पूरी तरह से अनुपस्थित रहे। दोपहर होते-होते, व्हाइट हाउस से एक संक्षिप्त बयान जारी किया गया जिसमें केवल यह कहा गया कि राष्ट्रपति को “तत्काल राष्ट्रीय मामलों” के कारण वापस लौटना पड़ा है। हालांकि, इस बयान में उन “राष्ट्रीय मामलों” की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई, जिससे रहस्य और बढ़ गया।
डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम ऐसे समय में आया है जब जी7 देश वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। उनकी अनुपस्थिति से इन वार्ताओं पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह अचानक प्रस्थान अमेरिका की “पहले अमेरिका” की नीति को और मजबूत करता है, जहां घरेलू मुद्दे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर भारी पड़ते हैं। वहीं, कुछ अन्य लोग इसे अमेरिका के भीतर किसी गंभीर राजनीतिक या सुरक्षा संकट का संकेत मान रहे हैं, जिसकी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
व्हाइट हाउस के एक अज्ञात सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप को देर रात एक “उच्च-स्तरीय खुफिया ब्रीफिंग” दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने तुरंत वापस लौटने का निर्णय लिया। हालांकि, इस ब्रीफिंग का विवरण पूरी तरह से गुप्त रखा गया है।
अन्य जी7 नेताओं ने इस घटना पर संयमित प्रतिक्रिया दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति के शीघ्र वापसी की कामना करते हैं और उम्मीद है कि वे जल्द ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ फिर से जुड़ेंगे।
इस घटना के बाद से, सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कोई इसे स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल बता रहा है, तो कोई इसे किसी बड़ी कूटनीतिक असहमति का परिणाम मान रहा है। हालांकि, जब तक व्हाइट हाउस द्वारा कोई आधिकारिक और विस्तृत जानकारी साझा नहीं की जाती, तब तक इन अटकलों पर विराम लगने की संभावना नहीं है।
फिलहाल, विश्व की निगाहें वाशिंगटन पर टिकी हैं, यह जानने के लिए कि अमेरिकी राष्ट्रपति की इस अचानक वापसी के पीछे का असली कारण क्या है और इसके वैश्विक भू-राजनीति पर क्या दूरगामी परिणाम होंगे।