Monday, December 23, 2024
HomeBig Breakingकांग्रेस ने राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं के लिए मांगी लोकसभा में...

कांग्रेस ने राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं के लिए मांगी लोकसभा में फ्रंट-रो सीटें, ओम बिड़ला करेंगे निर्णय

कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के लिए लोकसभा में फ्रंट-रो सीटों की मांग की है. ये नेता विपक्ष के नेता राहुल गांधी, अलाप्पुझा सांसद केसी वेणुगोपाल, जोरहाट सांसद गौरव गोगोई और मवेलीकरा सांसद कोडिकुनिल सुरेश हैं. ये जानकारी हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दी है.

कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के दफ्तर से यह गुजारिश की है.  विपक्ष के नेता के रूप में रायबरेली सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में एक निर्धारित फ्रंट-रो सीट मिलनी चाहिए, जो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सीट के ठीक सामने होगी. कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन और लोकसभा में 99 सांसदों के साथ पार्टी को तीन और फ्रंट-रो सीटें मिल सकती हैं.

लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. वह अपनी पार्टी अध्यक्ष और संसदीय नेता अखिलेश यादव और फैज़ाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के लिए दो फ्रंट-रो सीटों की मांग कर सकती है. वहीं, DMK के वरिष्ठतम सांसद टीआर बालू को भी एक फ्रंट-रो सीट मिल सकती है.

हिंदुस्तान टाइम्स ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, “ज्यादातर पार्टियों ने अपनी पसंदीदा सीटों की सूची भेज दी है. लोकसभा अध्यक्ष सभी सांसदों को सीटों के विभाजन संख्या का आवंटन करेंगे.” लोकसभा में फ्रंट-रो सीटें खास मानी जाती हैं और आम तौर पर वरिष्ठ सांसदों और फ्लोर नेताओं को दी जाती हैं.

लोकसभा में फ्रंट-रो सीटों की अहमियत कई कारणों से होती है. इन सीटों पर बैठने वाले सांसदों को सम्मान और प्रमुखता मिलती है, क्योंकि ये सीटें वरिष्ठ और प्रभावशाली नेताओं के लिए आरक्षित होती हैं. विपक्ष के नेता और सरकार के वरिष्ठ मंत्री, जैसे प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री, आमतौर पर फ्रंट-रो सीटों पर बैठते हैं. इन सीटों का राजनीतिक प्रतीकात्मक महत्व भी होता है, जिससे सांसद को अपनी भूमिका और स्थिति को सशक्त बनाने का अवसर मिलता है.

फ्रंट-रो सीटों पर बैठने से सांसदों को सदन की बहसों में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपनी बातों को प्रभावी तरीके से रखने का मौका मिलता है. यहां बैठने वाले नेता बेहतर दृश्य और सुनने की सुविधा का लाभ उठाते हैं, जिससे वे चर्चाओं में तेजी से प्रतिक्रिया दे सकते हैं और विपक्ष पर दबाव बना सकते हैं. इसके साथ ही, इन सीटों पर बैठने से सांसदों को जनता और मीडिया का ध्यान भी आकर्षित होता है, जो उनके राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाता है. कुल मिलाकर, लोकसभा में फ्रंट-रो सीटें न केवल शारीरिक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अहम मानी जाती हैं.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments