
रायपुर । भारत अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसरों का द्वार खोल रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन अमर परवानी, प्रदेश एक्सक्यूटिव चेयरमैन जितेंद्र दोषी, प्रदेश अध्यक्ष परमानंद जैन, प्रदेश महामंत्री सुरिंदर सिंह, और प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने इस उपलब्धि को देश की व्यापारिक संरचना में क्रांतिकारी बदलाव का संकेत बताया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की आर्थिक नीति में सुधार और डिजिटल परिवर्तन की बदौलत छोटे व्यापारियों को वैश्विक स्तर पर अधिक पहुंच मिल रही है।
छोटे व्यापारियों को मिलेगा बड़ा लाभ
अमर पारवानी ने कहा कि बड़े बाजारों तक पहुंच अब पहले से आसान हो रही है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा और छोटे व्यवसायों को नया बाजार मिलेगा। उन्होंने बताया कि मुक्त व्यापार समझौते (FTA) भारतीय उत्पादों और सेवाओं के निर्यात के नए अवसर खोलेंगे।
सरकारी योजनाओं से मिलेगा सहयोग
- अमर पारवानी ने बताया कि पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजनाएं और एमएसएमई क्रेडिट योजनाएं छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाएंगी।
- GST सुधार और व्यापार करने की आसानी से छोटे व्यापारियों के लिए अनुपालन प्रक्रिया सरल होगी।
- डिजिटल व्यापार और ई-कॉमर्स की मदद से व्यवसायों को नए ग्राहकों तक पहुंचने का मौका मिलेगा।
- सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स में सुधार से व्यापार की लागत कम होगी और डिलीवरी समय बेहतर होगा।
- नए सेक्टर्स में उभरते अवसर
परवानी ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में छोटे व्यापारियों को नए अवसर मिल सकते हैं:
- रिटेल और ट्रेड: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बाजार की पहुंच विस्तारित होगी।
- मैन्युफैक्चरिंग: स्थानीय सोर्सिंग और वेंडर विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- सेवा क्षेत्र: टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, और शिक्षा में घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ेगी।
- कृषि और खाद्य प्रसंस्करण:निर्यात में वृद्धि और मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण होगा।
- हस्तशिल्प और वस्त्र: भारतीय सांस्कृतिक उत्पादों को वैश्विक ब्रांडिंग मिलेगी।
वित्तीय सहयोग और नवाचार
उन्होंने कहा कि फिनटेक कंपनियों, एनबीएफसी और बैंकों द्वारा छोटे व्यापारियों को अधिक फाइनेंस और क्रेडिट दिया जा रहा है। सरकार और निजी क्षेत्र की संयुक्त पहल से व्यापारियों को डिजिटल टूल्स, अकाउंटिंग, मार्केटिंग, और निर्यात जैसी नई स्किल्स दी जा रही हैं। इससे दीर्घकालिक और टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
भारत की वैश्विक भागीदारी
अमर परवानी ने कहा कि मेक इन इंडिया’ और ‘चाइना $1’ रणनीति से भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अपनी जगह मजबूत कर रहा है। भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत के चलते छोटे व्यापारियों को सरकारी योजनाओं, अंतरराष्ट्रीय टेंडर, और संरचित ऋणों का लाभ मिलेगा।
समावेशी विकास की ओर बढ़ता भारत
पारवानी ने कहा, “भारत का चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के लिए नए अवसरों का द्वार है। सही सहयोग और मार्गदर्शन से ये व्यवसाय भारत को समावेशी विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगे।”