
रायपुर । सिक्ख पंथ के पाँचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी की शहादत दिवस पर छत्तीसगढ़ सिक्ख काउंसिल द्वारा जयस्तंभ चौक में मीठे और ठंडे शरबत तथा चने का प्रसाद वितरण किया गया। यह आयोजन मानवता, धर्म और देश की रक्षा में सिक्ख समाज के योगदान को सम्मानित करने और गुरु अर्जन देव जी की महान बलिदान गाथा को याद करने के लिए किया गया।

गुरु अर्जन देव जी का बलिदान भारतीय इतिहास में धर्म और न्याय की रक्षा का प्रतीक माना जाता है। मुगल शासक जहांगीर के शासनकाल में गुरुजी को अमानवीय यातनाओं का सामना करना पड़ा गर्म तवे पर बैठाकर, ऊपर से तपते रेत डालकर शहीद किया गया। अत्यधिक कष्ट सहने के बावजूद, गुरुजी ने “तेरा भाना मिठा लागे” कहते हुए ईश्वर की अराधना की और सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए बलिदान दिया। इस दिवस को नमन करते हुए, सिक्ख समाज द्वारा परोपकार और सेवा का संदेश फैलाने के लिए हर वर्ष छबील का आयोजन किया जाता है।
छत्तीसगढ़ सिक्ख काउंसिल के नेतृत्व में इस वर्ष भी छबील सेवा आयोजित की गई, जिसमें राहगीरों और जरूरतमंदों को ठंडे शरबत और चने का प्रसाद वितरित किया गया। तपती गर्मी से राहत देने के इस कार्य में, राजधानी के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और सेवा में अपना योगदान दिया।
इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, सिक्ख काउंसिल के महासचिव गगनदीप सिंह हंसपाल, भूपेंद्र सिंह मक्कड़, परविंदर सिंह भाटिया, महेंद्र सिंह छाबड़ा, संजय श्रीवास्तव, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थारवानी, कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी, जसप्रीत सिंह सलूजा, कंवलजीत सिंह बांगा, जस्सी खनूजा, अमरजीत सिंह संधू, अमरजीत सिंह दत्ता, कमलेश कौर चावला, योगेश सैनी, पप्पू सलूजा और सुरजीत सिंह सहित अन्य समाज के प्रमुखजन उपस्थित थे।
इस आयोजन ने गुरु अर्जन देव जी की शिक्षा और उनके त्याग को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का कार्य किया। सेवा, परोपकार और सद्भावना के इस संदेश के साथ, सिक्ख समाज ने मानवता की सेवा को प्राथमिकता देने का संकल्प दोहराया।