Rahu Kaal: रक्षाबंधन 2025 पर दुर्लभ संयोग: शुभ मुहूर्त, राहुकाल, पंचांग और धार्मिक महत्व की सम्पूर्ण जानकारी


तारीख: 9 अगस्त 2025, शनिवार
स्थान: भारतवर्ष
पर्व: रक्षाबंधन (श्रावण पूर्णिमा)
आज का पंचांग
तत्व | विवरण |
---|---|
तिथि | श्रावण पूर्णिमा |
वार | शनिवार |
नक्षत्र | श्रवण |
योग | सौभाग्य |
सूर्योदय | प्रातः 05:35 बजे |
चंद्रोदय | शाम 07:21 बजे |
भद्रा काल समाप्त | तड़के 01:52 बजे |
विशेष संयोग:
- श्रवण नक्षत्र + सौभाग्य योग + शनिवार = अत्यंत शुभ रक्षाबंधन
- भद्रा समाप्ति के बाद राखी बांधना पूर्णतः शुभ
राहुकाल: अशुभ समय से सावधान
शनिवार का राहुकाल:
09:00 AM से 10:30 AM तक
राहुकाल में क्या न करें:
- नए कार्यों की शुरुआत
- यात्रा, विवाह, गृह प्रवेश
- पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान
राहुकाल में क्या कर सकते हैं:
- ध्यान, साधना, आत्ममंथन
- लेखन, संपादन, रचनात्मक कार्य
- पूर्व नियोजित कार्यों को जारी रखना
राहुकाल का कारण:
राहु ग्रह की छाया ऊर्जा इस समय सक्रिय रहती है, जिससे निर्णय में भ्रम, विघ्न और मानसिक अस्थिरता की संभावना रहती है।
आज के शुभ मुहूर्त
मुहूर्त प्रकार | समय |
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राखी बांधने का श्रेष्ठ मुहूर्त | सुबह 05:58 से 10:43 बजे तक |
लाभ चौघड़िया | 10:15 AM – 12:00 PM |
अमृत काल | 01:30 PM – 03:00 PM |
चर काल | 04:30 PM – 06:00 PM |
अभिजीत मुहूर्त | 12:00 PM – 12:53 PM |
ब्रह्म मुहूर्त (स्नान-दान) | 04:22 AM – 05:04 AM |
रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व
त्रिगांठ परंपरा:
राखी बांधते समय तीन गांठें लगाई जाती हैं:
- ब्रह्मा जी को समर्पित – नई शुरुआत
- विष्णु जी को – रक्षा और समृद्धि
- महादेव को – मोक्ष और सुरक्षा
पौराणिक कथाएं:
- श्रीकृष्ण-द्रौपदी: रक्षा का वचन
- इंद्र-इंद्राणी: युद्ध में विजय हेतु रक्षासूत्र
- लक्ष्मी-बली: धर्म और प्रेम का प्रतीक
रक्षासूत्र मंत्र:
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन 2025 का यह दिन न केवल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत शुभ है। शुभ मुहूर्तों में राखी बांधकर, धार्मिक विधियों का पालन कर, और राहुकाल से बचकर यह पर्व और भी विशेष बन सकता है।
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