सरकार हार के डर से स्थानीय निकायों का चुनाव टालना चाहती है : दीपक बैज

रायपुर । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया की घोषित समय सारिणी को अचानक स्थगित किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भाजपा सरकार हार के डर से स्थानीय निकायों का चुनाव टालना चाहती है।

धान खरीदी में इस सरकार की सांसें फूलने लगी है, टोकन, बारदानो की कमी, तौल में गड़बड़ी, परिवहन और मिलिंग के अभाव में धान खरीदी बाधित होने से पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ़ आक्रोश है, जिससे यह सरकार डरी हुई है और हार से बचने के लिए स्थानीय निकाय चुनाव को अकारण टालना चाहती है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया जिसे 17 दिसंबर से संपादित किया जाना था, अचानक स्थगित कर दिया है। आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी साय सरकार अब हार के डर से स्थानीय निकायों के चुनाव को टालना चाहती है। जल जीवन मिशन और स्मार्ट सिटी में अपात्र ठेकेदारों को टेंडर दिए जाने, फर्जी दस्तावेजों से अपने चाहते ठेकेदारों को काम देने और खुले तौर पर भ्रष्टाचार की शिकायत भाजपा के ही विधायक लगा रहे हैं।

पीडब्ल्यूडी विभाग की अंधेरगर्दी सर्वविदित है, जहां बिना टेंडर के, बिना स्वीकृति के, बिना वर्क आर्डर के, ज्यादा रेट से काम करवाए गए और बाद में उसी ठेकेदार को टेंडर दे दिया गया।

1 साल के भीतर ही यह सरकार बेहद अलोकप्रिय हो चुकी है, और इसी कारण भाजपा स्थानीय निकाय चुनाव से भाग रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि नियत समय पर चुनाव नहीं होने से प्रदेश के स्थानीय निकायों में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस सरकार को 6 महीना पहले चुनाव की तैयारी कर लेना था, लेकिन कार्यकाल पूरा होने का समय आने पर भी अब तक आरक्षण की प्रक्रिया तक यह सरकार पूरी नहीं कर पा रही है।

पहले तो नगरीय निकाय चुनाव का समय 6 महीने बढ़ाये, और अब पंचायत चुनाव के आरक्षण प्रक्रिया की घोषित समय सारिणी को स्थगित कर दिया। स्थानीय निकाय चुनाव का इंतजार राजनीतिक दल के आम कार्यकर्ताओं को रहती है, प्रत्येक 5 साल में अपना जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार आम मतदाता का है, ऐसे में अकारण विलंब करके उम्मीदवारों और वोटर्स के हक का गला घोट रही है भाजपा सरकार।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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