
रायपुर । पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर रेंज रायपुर के निर्देशन में साइबर फ्रॉड की रोकथाम एवं विवेचना विषय पर रेंज स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 157 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी ने भाग लिया, जिसमें साइबर अपराधों की रोकथाम और जांच प्रक्रिया को लेकर गहन प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला के दौरान पुलिस महानिरीक्षक अमरेश कुमार मिश्रा ने साइबर अपराधों के बढ़ते प्रभाव को अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की श्रेणी में रखते हुए इसे संवेदनशील और गंभीर विषय बताया। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड के मामलों की विवेचना में सतर्कता और तकनीकी दक्षता की आवश्यकता है ताकि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ० लाल उमेद सिंह ने साइबर फ्रॉड से होने वाले आर्थिक नुकसान और पुलिस की सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने विवेचना प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया ताकि अपराधियों को त्वरित रूप से पकड़ा जा सके।
कार्यशाला में पुणे, महाराष्ट्र से आए आईसीआईसीआई बैंक के साइबर विशेषज्ञों कमलेश वाल्डे और सुनील महाबलेश्वरकर ने इंटरनेट बैंकिंग फ्रॉड, कार्ड फ्रॉड, साइबर उत्तरदायित्व, लोन धोखाधड़ी जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान फेसबुक अकाउंट हैकिंग, म्यूल अकाउंट विवेचना और शेयर बाजार से जुड़े साइबर फ्रॉड पर भी चर्चा हुई। प्रशिक्षार्थियों को साइबर अपराध की रोकथाम की प्रभावी रणनीतियों से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर द्वारा साइबर विशेषज्ञों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सभी अधिकारियों को अपने जिलों में जाकर इस प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने और साइबर फ्रॉड की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाने की प्रेरणा दी गई।
कार्यशाला की सफलता को देखते हुए उपस्थित अधिकारियों ने इसे साइबर अपराधों से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया, जिससे आने वाले समय में साइबर फ्रॉड के मामलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी।