
बसना । विधायक डॉ संपत अग्रवाल बसना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम देवसराल पहुंच कर भगवान श्री राम की पूजा कर सर्व मंगल की कामना की और श्रीराम चरित मानस कथा का रसपान किया ।

छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का है ननिहाल
इस दौरान विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है, जिससे इस भूमि का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
भगवान श्री राम के जीवन से सद्भाव,प्रेम और भाईचारे का मिलता संदेश
विधायक डॉ अग्रवाल ने कहा कि श्री रामचरित मानस हिन्दू धर्म का एक प्रमुख ग्रन्थ है जो भक्ति ,धर्म और कर्तव्य की शिक्षा देता है। भगवान श्री राम के जीवन से सद्भाव,प्रेम और भाईचारे का संदेश मिलता है। साथ ही कहा कि श्री रामचरित मानस केवल व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर ही नहीं बल्कि विश्व शांति और कल्याण का संदेश भी देती है ।
विधायक अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोग आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकते है और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
उपस्थित गणमान्यजन
श्री रामचरित मानस कथा के अवसर पर कथा आयोजक कर्ता एवं सोसायटी अध्यक्ष प्रहलाद पटेल,महाराज भागवत दुबे,ग्राम गोटिया से गोवर्धन पटेल,सरपंच मेहत्तर चौहान,समाज सेवी रामचंद्र अग्रवाल,विधायक प्रतिनिधि सोनू छावड़ा,महामंत्री मनोज बारिक,भाजपा कार्यकर्ता सहित भारी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
श्री रामचरित मानस के महत्वपूर्ण हिस्से…
श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक महान ग्रंथ है, जिसमें भगवान राम के जीवन, आदर्शों और लीलाओं का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ सात कांडों में विभाजित है, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व है।
श्रीरामचरितमानस के कुछ महत्वपूर्ण हिस्से
- 1. बालकांड – भगवान राम के जन्म, उनके बचपन की लीलाएँ और शिव धनुष भंग की कथा।
- 2. अयोध्याकांड – राम के राज्याभिषेक की तैयारी, कैकेयी के वरदान, और राम का वनवास।
- 3. अरण्यकांड – वन में राम, सीता और लक्ष्मण का प्रवास, शूर्पणखा की घटना, और सीता हरण।
- 4. किष्किन्धाकांड – हनुमान और सुग्रीव से मित्रता, सीता की खोज की शुरुआत।
- 5. सुन्दरकांड– हनुमान का लंका गमन, सीता से भेंट, और लंका में उनकी वीरता।
- 6. लंकाकांड (युद्धकांड) – राम-रावण युद्ध, रावण का वध, और सीता की अग्नि परीक्षा।
- 7. उत्तरकांड – राम का अयोध्या लौटना, राज्याभिषेक, और उनके जीवन के अंतिम प्रसंग।