कैट ने उठाया “एक देश, एक चुनाव” का मुद्दा, 26 मई को सेमिनार में होगी गहन चर्चा

रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा 26 मई को “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश अध्यक्ष परमानंद जैन, प्रदेश महामंत्री सुरिंदर सिंह और प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने संयुक्त रूप से दी।

कैट के प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक के दौरान इस सेमिनार की योजना पर चर्चा की गई। बैठक में कैट, युवा कैट, महिला कैट और ट्रांसपोर्ट कैट के पदाधिकारियों ने भाग लिया। सेमिनार का आयोजन वृंदावन हॉल, सिविल लाइन, रायपुर में किया जाएगा।

“एक राष्ट्र, एक चुनाव” की आवश्यकता

अमर पारवानी ने बताया कि मार्च-अप्रैल 2021 में चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए चुनावों के कारण यह मुद्दा और प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर साल कम से कम एक चुनाव होता है, जिससे बड़ी आर्थिक और प्रशासनिक लागत वहन करनी पड़ती है।

चुनावों की बढ़ती लागत

  • आर्थिक बोझ: बिहार जैसे बड़े राज्य में चुनाव पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जबकि अप्रत्यक्ष लागत और भी अधिक है।
  • प्रशासनिक व्यवधान: चुनाव ड्यूटी के कारण सरकारी कामकाज प्रभावित होता है।
  • सुरक्षा बलों की तैनाती: बार-बार चुनाव होने से सुरक्षाकर्मियों की थकान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं।
  • आदर्श आचार संहिता (MCC): इस दौरान नई नीतियों की घोषणा नहीं की जा सकती, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं।

मुख्य चर्चा के बिंदु

सेमिनार में निम्नलिखित विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी:

  • 1 चुनाव की वित्तीय लागत
  • 2 प्रशासनिक अस्थिरता
  • 3 सुरक्षा बलों की तैनाती की चुनौतियाँ
  • 4 राजनीतिक दलों के चुनाव अभियान की लागत
  • 5 क्षेत्रीय दलों को समान अवसर

बैठक में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी

बैठक में कैट, युवा कैट, महिला कैट और ट्रांसपोर्ट कैट के पदाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें अमर पारवानी, परमानंद जैन, सुरिंदर सिंह, अजय अग्रवाल, मधु अरोड़ा, पिंकी अग्रवाल, राकेश ओछवानी, शंकर बजाज, नरेश पाटनी, प्रीतपाल सिंह बग्गा और अन्य शामिल थे।

इस सेमिनार का उद्देश्य “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा पर गहन विमर्श करना और इसके क्रियान्वयन की संभावनाओं को तलाशना है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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