Video: बाबा गुरुघासीदास की 269वीं जयंती पर सेतगंगा में भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया मार्गदर्शन का आह्वान
सत्य, अहिंसा और समानता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प, भक्ति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से गूंजा सेतगंगा धाम।

रायपुर, 18 दिसंबर 2025 — छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के ऐतिहासिक सेतगंगा गांव में बुधवार को संत शिरोमणि बाबा गुरुघासीदास जी की 269वीं जयंती के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और बाबा के विचारों को समाज के लिए आज भी प्रासंगिक बताया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा गुरुघासीदास का जीवन सत्य, अहिंसा और मानव समानता के सिद्धांतों पर आधारित था, जो आज भी सामाजिक समरसता और भाईचारे की प्रेरणा देता है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से बाबा के बताए मार्ग पर चलने और समाज में सद्भाव, समानता और नैतिक मूल्यों को सशक्त करने का आह्वान किया।
Live :- बाबा गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम,सेतगंगा https://t.co/61SUvWJafz
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) December 18, 2025
कार्यक्रम में डिप्टी मुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक पुन्नू लाल मोहले, सुशांत शुक्ला और भावना वोहरा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। मंत्री खुशवंत साहेब, जो स्वयं सतनामी समाज से आते हैं, ने बाबा को सामाजिक क्रांति का अग्रदूत बताते हुए कहा कि उनका जीवन-दर्शन आज भी दलित, वंचित और शोषित वर्गों के लिए आशा की किरण है।
कार्यक्रम स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु, सतनामी समाज के अनुयायी और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। भक्ति संगीत, सतनाम भजन, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। सेतगंगा स्थित बाबा गुरुघासीदास धाम को विशेष रूप से सजाया गया था, जहां श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। स्वच्छता, पेयजल, चिकित्सा सुविधा और यातायात नियंत्रण की समुचित व्यवस्था रही। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों और सतनामी समाज के युवाओं ने बाबा के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।
बाबा गुरुघासीदास जी का जन्म 1756 में छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी में हुआ था। उन्होंने सतनाम पंथ की स्थापना कर समाज में व्याप्त छुआछूत, भेदभाव और सामाजिक विषमता के विरुद्ध आवाज़ उठाई। उनका संदेश मनखे-मनखे एक समान आज भी सामाजिक समरसता का आधार है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि गिरौदपुरी धाम और सेतगंगा जैसे पवित्र स्थलों के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और शीघ्र ही धार्मिक पर्यटन सर्किट के तहत विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।



