शंभू बॉर्डर से 101 किसान आज दोपहर 1 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे, शांतिपूर्वक करना चाहते हैं मार्च, है ये मांगें

दिल्ली कूच से पहले शंभू बॉर्डर पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी किए गए वीडियो में किसानों का एक समूह नारे लगाता हुआ दिखाई दे रहा है.

शंभू बॉर्डर से किसान आज दोपहर 1 बजे दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेंगे. 101 किसानों का जत्था आज दिल्ली कूच करेगा.

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ”दिल्ली बॉर्डर पर 700 किसानों के जान देने के बाद कृषि मंत्री और किसानों के बीच समझौता हुआ. न्यूनतम समर्थन मूल्य की संवैधानिक गारंटी नहीं दी गई है. ये वादाखिलाफी है…ये मांगें उत्तर प्रदेश से जो किसान दिल्ली आना चाहते हैं वो जायज हैं…सरकार को किसानों की सभी मांगें पूरी करनी चाहिए”

शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर कहते हैं, ”केंद्र और राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें किसानों के ट्रैक्टरों पर दिल्ली की ओर बढ़ने से समस्या है. 100 किसानों का एक समूह शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर बढ़ेगा.

गुरुवार को पंजाब के डीआईजी (पटियाला रेंज) मंदीप सिंह सिद्धू और एसएसपी (पटियाला) नानक सिंह ने शंभू सीमा पर पंधेर और सुरजीत सिंह  से मुलाकात की थी. सिद्धू ने कहा कि किसानों ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि वे शांति बनाए रखेंगे और मार्च में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर नहीं आएंगे.

किसानों की है ये मांगें

एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बृहस्पतिवार को खनौरी सीमा बिंदु पर अपना आमरण अनशन जारी रखा. कृषक संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा, किसान कृषि ऋण माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न करने, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’ की मांग कर रहे हैं. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी दो मांगें हैं.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, :यह पंजाब-हरियाणा सीमा की तरह नहीं दिखता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र की तरह लग रहा है. अगर उनका बस चले तो वे यहां से एक चिड़िया को भी गुजरने की इजाजत नहीं देंगे. वे हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे हम किसी दुश्मन देश के नागरिक हैं, जबकि हम इस भूमि के नागरिक हैं जो अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करना चाहते हैं.”

 

 

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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