24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता : दूसरे दिन फुटबॉल मैच और आर्चरी स्पर्धाओं में खिलाड़ियों ने दिखाया दमख़म

रायपुर । राजधानी रायपुर में हो रही 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में दूसरे दिन फुटबॉल के 13 मैच खेले गए। फुटबॉल के सात मैच कोटा स्टेडियम पर और छह मैच यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर खेले गए । राज्य तीरंदाजी एकेडमी मैदान पर आर्चरी की 40 मीटर और 30 मीटर की प्रतिस्पर्धा भी हुई। खेलों में जनजातीय खिलाड़ियों ने अपना खेल कौशल दिखाया।

फुटबॉल मैच के परिणाम

  • खेलों में मध्यभारत के खिलाड़ी छाए रहे। हिमांचल से हुए मध्यभारत के खिलाड़ियों ने एक के बाद एक नौ गोल दागकर एक तरफा मैच को 9-0 से जीत लिया ।
  • मिजोरम और कोंकण के बीच खेले गए मैच में मिजोरम के खिलाड़ियों ने खेल का बेहतरीन प्रदर्शन किया।तोपजी राम के दो गोलों को मिलाकर मिजोरम ने यह मैच शून्य के मुक़ाबले 7 गोलों से जीता।
  • एक अन्य मैच में छतीसगढ़ के जशपुरनगर और त्रिपुरा के खिलाड़ियों के बीच खेला गया। इस मैच में खेल के निर्धारित समय तक दोनों टीमें 3-3 गोल से बराबरी पर रही और शूट आउट में जशपुर ने यह मैच 3-2 गोल से जीत लिया।
  • दक्षिण असम और नागालैंड के रोमांचक मैच में अंत तक गहमा गहमी रही और नागालैंड ने दो गोल कर खेल को 2-0 जीता।
  • मिजोरम ने बिहार के साथ खेले मैच को एक गोल से जीता। बिहार की टीम एक भी गोल नहीं कर सकीं ।
  • उड़ीसा और जशपुर के रोमांचक मैच में जशपुर की टीम उड़ीसा पर हावी रही पर बहुत प्रयासों के बाद भी निर्धारित समय तक खेल में कोई गोल नहीं हो पाया। अंत में खेल का फैसला शूट आउट से करने का निर्णय लिया गया। शूट आउट में जशपुर ने 5-4 गोलों के अंतर से मैच जीत लिया ।
  • महाकौशल और असम के बीच बहुत रोमांचक मैच हुआ जिसमें महाकौशल की टीम ने पेनल्टी शूटआउट में 4- 3 से जीत हासिल की।
  • झारखंड और अंडमान के बीच हुए मैच में झारखंड की टीम 4- 0 से विजई हुई।
  • उत्तरबंग और दिल्ली के बीच हुई एक तरफा मुकाबले में उत्तर बंग की टीम 5- 0 से विजई हुई।
  • वही उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच हुए मैच में पेनल्टी शूटआउट में राजस्थान की टीम ने 4- 2 जीत हासिल की।
  • छत्तीसगढ़ और गोवा के बीच हुए मैच में गोवा की टीम ने 3- 0 से जीत हासिल की।
  • मणिपुर और संथाल परगना के बीच बहुत ही रोमांचक मैच हुआ जिसमें संथाल परगना की टीम पेनल्टी शूटआउट में 4- 3 से जीत हासिल की।
  • अंत में संथाल परगना और मेघालय टीम के बीच हुए मैच में संथाल परगना ने एक तरफा मुकाबले में 5 – 0 से जीत हासिल की।

तीरंदाज़ी के खेल में बालक, बालिका के जूनियर और सब जूनियर ग्रुप में 40 तथा 30 मीटर की स्पर्धाएं

40 मीटर जूनियर बालक स्पर्धा में

  • पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 322 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान
  • राजस्थान के हिमेश बरांडा 319 अंक लेकर दूसरे स्थान
  • मणिपुर के गाई हेमलूम हलमई 313 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहें।

40 मीटर जूनियर बालिका आर्चरी प्रतियोगिता

  • उड़ीसा की मंजुला हेब्रम पहले स्थान पर रही । मंजुला ने 281 अंक अर्जित किए।
  • मध्य भारत की दीपिका मूंदड़ा ने 233 अंकों के साथ दूसरा
  • 230 अंकों के साथ छतीसगढ़ की रामशीला नेताम तीसरे स्थान पर रही ।

तीरंदाज़ी के 30 मीटर सब जूनियर बालिका समूह

कर्नाटक के खिलाड़ियों ने पहले दो स्थान प्राप्त किए। 300 अंक लेकर भाग्यश्री पहले और बजरंग 282 अंकों के साथ अन्नपूर्णा दूसरे स्थान पर रहीं । राजस्थान की दर्शी डामोर ने 257 अंक अर्जित कर तीसरा स्थान प्राप्त किया।

30 मीटर सब जूनियर बालक वर्ग में

पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज़ों का दबदबा रहा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज विशाल कुमार ने 327 अंक अर्जित कर दूसरा और दीपक ने 325 अंक लेकर तीसरा स्थान पाया । पहले स्थान पर उत्तर बंगाल के तीरंदाज सकनोन लेपचा ने 328 अंक प्राप्त किए।

तीसरे दिन तीरंदाज़ी में बालक-बालिका समूह में 30 मीटर जूनियर और 20 मीटर सब जूनियर स्पर्धाएँ होंगी । जिसमें दो सौ से अधिक जनजातीय खिलाड़ी शामिल होंगे। प्रतियोगिताएँ राज्य आर्चरी एकेडमी मैदान पर सुबह आठ बजे से शुरू होंगी।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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