
प्राचार्य चंद्राकर की कार्यप्रणाली से पीएम श्री स्कूल की ख़राब होती छवि
रायपुर । राजधानी के रेल्वे क्षेत्र में केन्द्रीय विद्यालय में बदहाल व्यवस्था नजर आ रही हैं। इस स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ते हैं। नाम बड़े दर्शन छोटे की तर्ज़ पर स्कूल को कहा जा सकता हैं।

स्कूल की बदहाली पर नहीं जाता प्राचार्य का ध्यान
स्कूल की बदहाली पर आज तक प्राचार्य का ध्यान नहीं जाना भी समझ से परे हैं।स्कूल में बच्चों के पानी पीने की जो व्यवस्था है उसको देखकर तो ऐसा ही लगता है। भरी गर्मी में बच्चों को धूप में खड़े होकर पानी पीना पड़ता हैं।
पीएम श्री स्कूल की बदहाली,बच्चे परेशान
पीएम श्री स्कूल की ऐसी बदहाली पर यह समझा जा सकता है कि प्राचार्य की लापरवाही हैं। इतने बड़े संस्थान की ऐसी दुर्दशा देखकर सरकारी व्यवस्था को समझा जा सकता हैं।ऐसा लगता है कि स्कूल के प्राचार्य अपने वातानुकूलित कक्ष में बैठकर अपना समय निकाल लेते हैं ।
क्लास के पास पड़े टूटे फूटे फर्नीचर
स्कूल में बेहतरीन शिक्षा के साथ ही बेहतरीन माहौल की भी जरूरत होती हैं। स्कूल में बच्चों की क्लास के पास टूटे फर्निचर के कबाड़ रखे हुए हैं। स्कूल में समुचित व्यवस्था का अभाव नजर आता हैं।
केंद्रीय विद्यालय की हालत है बदहाल
कुल मिलाकर पीएम श्री स्कूल में चयनित होने के बाद भी केंद्रीय विद्यालय (एक) बदहाल हालत में आ गया हैं। केंद्र की संस्थान को इस ओर देखने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि स्कूल प्रबंधन को स्कूल की अव्यवस्था से कोई सरोकार नहीं हैं।