QR CODE बदलकर लाखों की धोखाधड़ी,आरोपी गिरफ्तार

रायपुर । राजधानी रायपुर में QR CODE बदलकर धोखाधड़ी का मामला आया सामने । जिसमें दुकान के क्यू.आर. कोड के स्थान पर कुटरचित क्यू.आर. कोड लगाकर लाखों रूपये की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी सेल्समैन दीपक यादव को गिरफ्तार किया गया।

प्रार्थी जितेश पटेल ने थाना देवेन्द्र नगर में रिपोर्ट दर्ज कराया गया। जिस पर आरोपी दीपक यादव के विरूद्ध थाना देवेन्द्र नगर में अपराध क्रमांक 40/2025 धारा 316(4), 318(4) बी.एन.एस. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन व थाना प्रभारी देवेन्द्र नगर के नेतृत्व में थाना देवेन्द्र नगर पुलिस की टीम द्वारा प्रार्थी सहित उसके भागीदर से घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ कर आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया।

टीम के सदस्यों द्वारा आरोपी के छिपने के हर संभावित ठिकानों में लगातार रेड कार्यवाही करते हुए प्रकरण में आरोपी दीपक यादव को पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपी द्वारा प्रार्थी के फर्म में दुकान के क्यू.आर. कोड के स्थान पर अपना कुटरचित क्यू.आर. कोड लगाकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देना बताया गया।

जिस पर आरोपी दीपक यादव को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त कुटरचित क्यू.आर. कोड उसके विरूद्ध कार्यवाही किया गया।

मामला इस प्रकार

प्रार्थी ने बताया कि वह संस्कृति डेकोर दुकान नंबर 103-104 महालक्ष्मी क्लाथ मार्केट पंडरी का संचालक है । जिसका कार्य पर्दाे एवं कपडे को विक्रय करना है। उक्त दुकान में दीपक यादव दिनांक 1 नवंबर 2021 से सेल्स का काम करता आ रहा है।

जहां भुगतान पाने के लिये एचडीएफसी बैंक शाखा देवेन्द्र नगर रायपुर में अपनी फर्म के नाम पर एक खाता खोला था। उक्त खाते पर लेन देन के लिये एचडीएफसी बैक के द्वारा प्रार्थी को एक क्यु.आर. कोड प्रदान किया गया था। जिसे किसी भी पेमेंट एप से स्कैन कर भुगतान करने पर राशि सीधे प्रार्थी के बैंक खाते पर जमा हो जाती थी।

दुकान का कार्य अधिक हो जाने के कारण से प्रार्थी ने उक्त फर्म में कुशल पटेल को बतौर पार्टनर बना लिया था। तथा दोनो के द्वारा बैकिंग कार्य संचालित किया जाता था।

पार्टनशीप फर्म बनने के बाद प्रार्थी के द्वारा भुगतान पाने के लिये एचडीएफसी बैक शाखा देवेन्द्र नगर रायपुर में अपनी फर्म के नाम पर एक अन्य खाता खोला गया एवं पूर्व की तरह उक्त खाते पर लेन देन के लिये एचडीएफसी बैक के द्वारा हमे एक अलग क्युआर कोड प्रदान किया गया था। जिसे किसी भी पेमेंट एप से स्केन कर भुगतान करने पर राशि प्रार्थी के भागीदारी फर्म के खाते पर जमा हो जाती थी।

प्रार्थी के दुाकन में आने वाले विभन्नि ग्राहको के द्वारा कई बार घर/आफिस आकर नगद पैसे लेने कहा जाता था । तो कई बार उनके द्वारा आनलाईन पेमेंट करने का कहा जाता था।

इस पर दीपक यादव के द्वारा बडी चालाकी से छल करने के प्रयोजन से प्रार्थी के फर्म का क्यु.आर कोड न भेजकर उसके स्वयं के फोन-पे का क्यू.आर. कोड भेजा जाने लगा।

उक्त क्यू.आर. कोड के नीचे उसके द्वारा कूटरचना प्रार्थी के दुकान का नाम लिखकर भेजा जाने लगा ।इसके साथ ही उसके द्वारा अनेको ग्राहको को भुगतान करने लिये च्वाईस सेंटरो के क्यू.आर कोड भेजकर पैसे मंगवाये जाने लगे और उक्त मंगाये गये पैसो को वो अपने बैक खाते में मंगवा लेता था। साथ ही अनेको ग्राहको से उसके द्वारा नगद राशि भी लिया गया है पंरतु उक्त राशि आज दिनांक तक प्रार्थी को प्राप्त नही हुई है।

काफी समय से ग्राहको का भुगतान प्राप्त न होने पर जब प्रार्थी द्वारा माह जनवरी 2025 में ग्राहको से अपने पैसे की मांग किया गया।

तब प्रार्थी को इस बात की जानकारी हुई कि उनके द्वारा कभी नगद, कभी च्वाईस सेंटर के माध्यम से ,कभी दीपक यादव के द्वारा भेजे गये कूटरचित क्युआर कोड मे पैसा भेजा चुका है।

इस प्रकार से दीपक यादव के कुटरचित क्यू.आर.कोड के माध्यम से प्रार्थी के फर्म के अनेको ग्राहको द्वारा माह जुलाई 2022 से लेकर जनवरी 2025 के बीच ऑन लाईन एवं नगद राशि के रूप में प्राप्त राशि 1,07,000/- रूपये हड़पकर प्रार्थी के फर्म के साथ धोखाधड़ी किया गया है।

गिरफ्तार आरोपी-

दीपक यादव पिता जगतराम यादव उम्र 31 साल निवासी म.नं. 40/11 संजय नगर थाना टिकरापारा रायपुर।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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