आज है आंवला नवमी व्रत, जाने पूजा मूहूर्त और महत्व

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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का व्रत रखा जाता है। आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहते हैं।

आंवला नवमी व्रत देव उठनी एकादशी व्रत से दो दिन पूर्व रखा जाता है। आंवला नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी के व्रत प्राप्त होने वाला फल और पुण्य अक्षय होता है, उसका कभी क्षय या ह्रास नहीं होता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष आंवला नवमी कब है? पूजा का मुहूर्त क्या है?

आंवला नवमी 2021 तिथि

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 12 नवंबर दिन शुक्रवार को प्रात: 05 बजकर 51 मिनट पर हो रहा है। नवमी तिथि का समापन 13 नवंबर दिन शनिवार को प्रात: 05 बजकर 31 मिनट पर होगा। व्रत के लिए उदयातिथि मान्य होती है, ऐसे में इस वर्ष आंवला नवमी या अक्षय नवमी का व्रत 12 नवंबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।

आंवला नवमी 2021 पूजा मुहूर्त

जो लोग आंवला नवमी का व्रत रखेंगे, उनको पूजा के लिए 05 घंटे 24 मिनट का समय प्राप्त होगा। आप 12 नवंबर को प्रात: 06 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट के मध्य तक आंवला नवमी की पूजा कर सकते हैं।

ध्रुव योग में आंवला नवमी

इस वर्ष की आंवला नवमी व्रत ध्रुव योग में है। 12 नवंबर को पूरे दिन ध्रुव योग है। यह 13 नवंबर को तड़के 03 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। ध्रुव योग को मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। आंवला नवमी के दिन रवि योग भी है। हालांकि रवि योग दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से लेकर 13 नवंबर को प्रात: 06 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।

आंवला नवमी के दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक है। इस दिन सूर्योदय प्रात: 06 बजकर 41 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम को 05 बजकर 29 मिनट पर होगा।

मूल्यवान माना जाता आंवला

आंवले का फल पौराणिक दृष्टिकोण से रत्नों के समान मूल्यवान माना जाता है। कहते है कि शंकराचार्य ने इसी फल को स्वर्ण में परिवर्तित कर दिया था। इस फल का प्रयोग कार्तिक मास से आरम्भ करना अनुकूल माना जाता है। इस फल के सटीक प्रयोग से आयु, सौन्दर्य और अच्छे स्वस्थ्य की प्राप्ति होती है। मात्र यही ऐसा फल है जो सामान्यतः नुकसान नहीं करता है।

दूर होती दरिद्रता

कार्तिक मास में आंवले को भोजन में शामिल करें अथवा आंवले के रस में तुलसी मिलाकर सेवन करें। कार्तिक में आंवले का पौधा लगाने से संतान और धन की कामनाएं पूर्ण होती हैं। आंवले के फल को सामने रखकर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से दरिद्रता दूर होती है। अगर कर्ज से परेशान हों तो घर में आंवले का पौधा लगाएं। इसमें रोज सुबह जल डालें।

Richa Sahay

The 4th Pillar, Contact - 9893388898, 6264744472