जीएसटी का आतंक: शिक्षा से अंतिम संस्कार तक सब कुछ महंगा,जनता पर बढ़ते कर्ज का जिम्मेदार बीजेपी : विकास उपाध्याय

जोराबाट (असम)। असम कांग्रेस प्रभारी विकास उपाध्याय ने जीएसटी के दुरुपयोग और इससे जनता को हो रही परेशानियों पर भाजपा सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जोराबाट में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि जीएसटी को एक सरल और पारदर्शी कर प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे व्यापारियों, छात्रों और आमजन के लिए एक कर आतंक बना दिया है।

विकास उपाध्याय ने कहा कि स्कूल स्टेशनरी पर जीएसटी लागू कर दिया गया है, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं, उन्होंने खुलासा किया कि अंतिम संस्कार में उपयोग होने वाली वस्तुओं को भी जीएसटी के दायरे में लाकर भाजपा सरकार ने अमानवीयता का परिचय दिया है।

उन्होंने यह भी कहा, “एक तरफ भाजपा सरकार महिलाओं को मात्र ₹1200 की सहायता राशि देकर उनका समर्थन हासिल करना चाहती है, जैसे छत्तीसगढ़, असम और मध्य प्रदेश में हो रहा है। दूसरी तरफ, खाने के तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि कर हर घर का खर्च बढ़ा रही है, जिससे परिवारों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है।”

उन्होंने कहा कि बार-बार जीएसटी दरों में किए जा रहे बदलावों ने व्यापारियों और उद्योगपतियों को भ्रम और अस्थिरता की स्थिति में डाल दिया है। पूरे देश में व्यापारियों को सरकारी तंत्र की ज्यादतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।

विकास उपाध्याय ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इस जनविरोधी जीएसटी के खिलाफ आवाज उठाने और इसे सरल व व्यापार-अनुकूल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे कांग्रेस के साथ मिलकर इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई में शामिल हों।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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