चाइनीज मांझे से कटा युवक का गला,बाइक चलाते समय हुआ हादसा

भिलाई में एक बार फिर चाइनीज मांझे से युवक का गला कटने की घटना सामने आई है। भिलाई के निजी अस्पताल में दो दिन से आईसीयू में जिदंगी और मौत के बीच झूल रहा हाउसिंग बोर्ड निवासी युवक रामेश्वर आज खतरे से बाहर आया।मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है।

घायल की पहचान हाउसिंग बोर्ड कोहका निवासी रामेश्वर बेले के रूप में हुई है। उसने बताया कि 25 दिसंबर को वो अपनी पत्नी नीतू के साथ बाइक से सेक्टर 7 गया था। वहां से शाम के समय वापस घर लौट रहा था। जैसे ही वो सुपेला लक्ष्मी मार्केट के पास पहुंचा, तभी अचानक एक पतंग उड़ते हुए आई और उसका मांझा उसके गले में फंस गया।

इससे पहले की वो मांझे को हटाता पतंग लूटने के लिए भाग रहे लड़कों ने मांझा को पकड़ कर खींच दिया। मांझा चाइनीज होने के चलते काफी पतला और शॉर्प था, इसलिए उसके गले में चोट आई। उसके गले से तेज खून निकलने लगा। घायल युवक ने बाइक को रोका और बगल में बैठ गया।

पति के गले से खून निकलता देखकर उसकी पत्नी नीतू ने तुरंत अपने घरवालों को फोन करके मामले की जानकारी दी। इसके बाद परिजन तुरंत वहां पहुंचे और घायल को पास के स्पर्श हॉस्पिटल पहुंचाया। वहां उनकी हालत गंभीर होने के चलते उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया।लेकिन समय पर उपचार मिलने की वजह से आज वह खतरे से बाहर आ गए।

घायल रामेश्वर और उसके घरवालों ने शासन प्रशासन मांग की है कि चायनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाई जाए। इस मांझे में नायलॉन की डोरी का उपयोग किया जाता है। यह इतना पतला और सार्प होता है कि इससे गला कटकर लोगों की जान भी जा सकती हैं।

घटना के इस पर संज्ञान लेते हुए भिलाई निगम के कमीश्नर राजीव पांडेय ने जल्द ही चाइनीज की बिक्री पर रोक लगाने की बात कही है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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