“छत्तीसगढ़ के रामायण”सोशल मीडिया पर मचा रहा धूम , कांग्रेस भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप

रायपुर। सोशल मीडिया में इन शुक्रवार से एक वीडियो हलचल मचा रहा है, नाम है “छत्तीसगढ़ के रामायण”। इस रामायण में जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भगवान राम बताया गया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण बताया गया है।

वीडियो में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को राम, तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, डिप्टी सीएम अरुण साव को लक्ष्मण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को भारत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को शत्रुघ्न तो वहीं उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा को हनुमान, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को दशरथ, राम विचार नेताम को सुग्रीव बताया गया है।

वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को विभीषण, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत को ताड़का, सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े को मंथरा, कसडोल की पूर्व विधायक शकुंतला साहू को सूर्पणखा बताया गया है। इसके अलावा पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को मारिच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को कुंभकरण और पूर्व महापौर एजाज ढेबर को लवणासुर बताया गया है। पूर्व अधिकारी सौम्या चौरसिया को कैकई बताया गया है।

आइए देखें छत्तीसगढ़ के रामायण –

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कसा तंज

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंंत्री जी, आप कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं।हमारे भांचा राम से अपनी तुलना करके आप छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाएँ आहत कर रहे हैं। ‘छत्तीसगढ़ के रामायण’ को सोर्स को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। हालांकि, इस वीडियो के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पीआर टीम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

 

प्रोफेशनल तरीके से बनाए गए इस वीडियो में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के साथ सौम्या चौरसिया जैसी पूर्व अधिकारी को भी स्थान दिया गया है। इसमें जहां भाजपा को रामायण के राम-लक्ष्मण जैसे सकारात्मक पात्रों के तौर पर तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं को नकारात्मक पात्रों के तौर पर दर्शाया गया है।

पूर्व मंत्री भगत ने इसे घोर आपत्तिजनक बताया

वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने इस वीडियो पर आपत्ति जताते हुए कहा कि रामायण समरसता के संदेश के लिए है, और यह वायरल वीडियो समरसता को खराब करने वाला है। जिस तरह से कांग्रेस के नेताओं को प्रदर्शित करने की कोशिश की गई है, वह यह घोर आपत्तिजनक है। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। जिसने भी इस प्रकार का दुस्साहस किया है, उसे कठोर सजा दी जाए।

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कसा तंज

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को उस रूप में दिखाया गया है, तो उन्हें सोचना चाहिए।विष्णु का सुशासन केवल नारा नहीं है, हमने वास्तव में इसे करके दिखाया है।

छत्तीसगढ़ के रामायण में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को राम के तौर पर दर्शाए जाने पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि इस पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं है, लेकिन यह कल्पना सही है कि जिस तरह से राज्य में हमारी सरकार काम कर रही है।जिस प्रकार से हम जरूरतमंद को सेवा कर रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने वहीं नगरी निकाय चुनाव में कांग्रेस की तैयारी नहीं दिखने पर कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पार्टी के बारे में विचार करने की बजाय इधर-उधर की बातें करके जनता में भ्रम फैलाने का काम करते हैं। कांग्रेस के नेता अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इसके साथ विष्णु की सरकार राम राज्य के कितने करीब हैं, इस पर अरुण साव ने कहा कि जिस राज्य में गरीबों की सेवा हो, जरूरतमंदों को मदद हो और सरकार का काम निष्पक्ष और पारदर्शी हो, इसी से राम राज्य की कल्पना की जा सकती है। पारदर्शिता के लिए लगातार हमारी सरकार ने काम किया है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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