नक्सल ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और पुलिस के दावों पर विरोधाभास – भूपेश बघेल

रायपुर । पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल अपने निवास स्थान रायपुर पर पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि बीजापुर में नक्सल ऑपरेशन से जुड़ी घटनाओं और तथ्यों के आधार पर जो सच सामने आ रहा है उससे लगता है कि नक्सल ऑपरेशन पर छत्तीसगढ़ सरकार का कोई नियंत्रण नहीं बचा है। इस घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा जी पद पर बने रहने के काबिल नहीं हैं और उनको तत्काल इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। नक्सलियों के ख़लिफ़ हर लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का खुला और बिना शर्त समर्थन है। पर नक्सलियों के ख़लिफ़ लड़ाई में सरकार अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकती। बीजापुर के घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े किए हैं जिससे संदेह पैदा हो गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने कहा कि 8 मई को रात में घटना घटित हुई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी ने दावा किया कि ऑपरेशन संकल्प में 22 नक्सली मार गिराए हैं।उसके बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कोई ऑपरेशन संकल्प नहीं चल रहा है और ऐसी कोई संख्या नहीं है, यह झूठ है। लेकिन पता चला कि बीजापुर ज़िला अस्पताल में 22 शव पोस्टमार्टम के लिए पहुँचे हैं। बीजापुर की स्थानीय मीडिया, बस्तर की मीडिया और प्रदेश की भी मीडिया को अस्पताल में नहीं जाने दिया गया।

चारों ओर सवाल उठे, शव मोर्चुरी में सड़ने लगे तब पुलिस ने 12 मई को शाम में निम्न रिलीज़ जारी की :-

  • कल बीजापुर में पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन संकल्प में कुल 31 नक्सली मारे गए हैं।
  • बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रान्तर्गत विगत दिनो में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में बरामद नक्सलियों के शवों में से अब तक कुल 20 नक्सलियों के शवों की पहचान कर ली गई है।
  • पहचाने गए 20 नक्सलियों के शवों में से 11 शवों को पोस्टमार्टम और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
  • मुठभेड़ में बरामद शेष 11 नक्सलियों के शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। पहचान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, उनके शव भी परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।
  • इस प्रेस रिलीज़ में भी विरोधाभास है। अगर 20 की पहचान कर ली गई है तो सिर्फ़ 11 क्यों सौंपे गये?
  • अगर 20 की पहचान हो गई तो 11 की पहचान की प्रक्रिया कैसे जारी हो सकती है?

पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने सवाल किया कि –

  • क्या ऑपरेशन संकल्प चल रहा है? अगर हां तो इसका क्या विवरण है?
  • ऐसा कैसे हो सकता है कि पुलिस कोई ऑपरेशन चला रही है और गृहमंत्री को इसकी जानकारी नहीं है?
  • कुल कितने शव बरामद किए गए? अगर 31 नक्सली मारे गए तो बीजापुर में 22 शव ही कैसे पहुंचे हैं? बाक़ी के शव कहां हैं?
  • अगर सुरक्षा बलों को इतनी बड़ी सफलता मिली तो इसकी घोषणा करने में इतना समय क्यों लगा?
  • जिनकी पहचान की गई उनके क्या-क्या नाम हैं?
  • जिन शवों को पहचानकर हैंडओवर किया गया, जिनको हैंडओवर किया गया उनके क्या नाम हैं? और मृतकों से उनका क्या क्या रिश्ता है?
  • कितने शव को पहचानना अभी बाक़ी है?

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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