बस्तर दौरे पर अमित शाह, बस्तर की लोकतांत्रिक परंपरा मुरिया दरबार को बताया भारत की सांस्कृतिक आत्मा
1874 से चली आ रही जनसंवाद की परंपरा को केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया अद्वितीय लोकतांत्रिक मॉडल


जगदलपुर । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान आज बस्तर के जगदलपुर में आयोजित मुरिया दरबार में भाग लिया। उन्होंने इसे “आनंददायक अनुभव” बताते हुए कहा कि मुरिया दरबार की ऐतिहासिक परंपरा वास्तव में वैश्विक धरोहर है, जो 1874 से आदिवासी न्याय, संस्कृति और जनसंवाद की मिसाल रही है।
अमित शाह ने दरबार में उपस्थित बस्तर संभाग के सभी मुखियाओं की समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि वे दिल्ली जाकर इस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि मुरिया दरबार के लोकतांत्रिक मूल्य पूरे देश के लिए जानकारी का विषय हैं। एक बार इसे देखना चाहिए।
इसके बाद उन्होंने बस्तर दशहरा से जुड़े मांझी-चालकी, मेम्बर एवं मेम्बरीन के साथ अभिनंदन भोज में भाग लिया, जिसमें क्षेत्रीय पारंपरिक व्यंजनों को परोसा गया। उन्होंने इन व्यंजनों की प्रशंसा करते हुए स्थानीय संस्कृति की विविधता को सराहा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी, मंत्री केदार कश्यप, रामविचार नेताम, लक्ष्मी राजवाड़े, राजेश अग्रवाल, सांसद महेश कश्यप, भोजराज नाग, विधायक नीलकंठ टेकाम, आशाराम नेताम, विनायक गोयल, बस्तर के राजा कमलचंद्र भंजदेव एवं मुरिया दरबार के पदाधिकारी उपस्थित रहे।