सोने-चांदी के बाजार में हलचल: बेस इम्पोर्ट प्राइस में कटौती से कीमतें होंगी नियंत्रित
केंद्र सरकार ने सोने और चांदी के बेस इम्पोर्ट प्राइस में कटौती कर दी है, जिससे आयात सस्ता होगा और घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इस कदम से त्योहारी और विवाह सीजन में ग्राहकों को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।

रायपुर, 1 नवंबर 2025: ग्लोबल मार्केट में सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच भारत सरकार ने सोने के लिए 42 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी के लिए 107 डॉलर प्रति किलोग्राम बेस इम्पोर्ट प्राइस घटाया है। यह निर्णय कस्टम ड्यूटी के कैलकुलेशन को प्रभावित करता है, जिससे आयातकों पर टैक्स का बोझ कम होता है और घरेलू कीमतों में स्थिरता आती है1।
बेस इम्पोर्ट प्राइस क्या है?
बेस इम्पोर्ट प्राइस वह मूल्य होता है जिस पर आयातित वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है। यह हर 15 दिन में अपडेट होता है और इसका उद्देश्य बाजार की वास्तविकता के अनुसार कर निर्धारण करना होता है। बेस प्राइस कम होने से आयात सस्ता होता है और ग्राहकों को भी अप्रत्यक्ष लाभ मिलता है।
भारत का वैश्विक आयात परिदृश्य:
भारत चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और चांदी के मामले में पहला। रिपोर्ट के अनुसार, भारत स्विट्जरलैंड से सबसे अधिक सोना आयात करता है, जिसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। इसके बाद UAE (16 प्रतिशत) और दक्षिण अफ्रीका (10 प्रतिशत) का स्थान है1।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 48 देशों से सोना आयात किया। 2024-25 में यह आयात 27.3 प्रतिशत बढ़कर 58 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया1।
आज की कीमतें:
1 नवंबर 2025 को भारत में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है2:
- 24 कैरेट सोना: ₹12,329 प्रति ग्राम, ₹1,23,290 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना: ₹11,301 प्रति ग्राम, ₹1,13,010 प्रति 10 ग्राम
- 18 कैरेट सोना: ₹9,247 प्रति ग्राम, ₹92,470 प्रति 10 ग्राम
वहीं चांदी की कीमतों में उछाल आया है:
- चांदी: ₹1,52,000 प्रति किलोग्राम
त्योहारी सीजन में राहत की उम्मीद:
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस कदम से सोने-चांदी के आयात में तेजी आएगी और घरेलू मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। शादी और दीपावली जैसे अवसरों पर ज्वेलरी सेक्टर को इससे लाभ होगा।



