छत्तीसगढ़ में समरसता पर संकट: मूर्ति खंडन, आपत्तिजनक टिप्पणियां और सामाजिक तनाव ने उठाए गंभीर सवाल

छत्तीसगढ़ में बीते कुछ दिनों से सामाजिक समरसता पर गहरा संकट मंडरा रहा है। राजधानी रायपुर से लेकर रायगढ़ तक की घटनाएं राज्य की सांस्कृतिक अस्मिता और सामाजिक सौहार्द पर आघात कर रही हैं। छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति खंडित करने से शुरू हुआ विवाद अब धार्मिक और जातीय भावनाओं को भड़काने वाले बयानों तक पहुंच गया है।



रायपुर, 1 नवंबर 2025: राजधानी रायपुर के VIP चौक पर स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को 26 अक्टूबर की रात एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति ने खंडित कर दिया। घटना के बाद तेलीबांधा थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस घटना ने राज्यभर में आक्रोश फैला दिया। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और अन्य संगठनों ने इसे राज्य की अस्मिता पर हमला बताया और विरोध प्रदर्शन किया।

राजनीतिक बयानबाजी और सामाजिक तनाव:

इस घटना के बाद एक राजनीतिक दल के नेता ने विवादित बयान देते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भगवान झूलेलाल जैसे महापुरुषों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इसके जवाब में रायगढ़ में सिंधी समाज के एक व्यक्ति ने गुरु घासीदास को लेकर अभद्र टिप्पणी कर दी। समाज ने उस व्यक्ति को बहिष्कृत कर प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

राममंदिर में तोड़फोड़:

30 अक्टूबर की रात, रायगढ़ के एक राममंदिर में असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की और भगवान राम की मूर्ति को नाली में फेंक दिया। इस घटना ने धार्मिक भावनाओं को और भड़काया, जिससे स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ गया।

समरसता पर विचार:

वरिष्ठ लेखक कृष्णमुरारी त्रिपाठी ‘अटल’ ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ की मूल भावना समरसता और एकता की रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कौन लोग हैं जो जाति, क्षेत्रवाद और अलगाववाद के नाम पर राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत बस्तर का दशहरा, राजिम कुंभ, गुरु घासीदास, रामनामी समाज, कबीर पंथ, शदाणी दरबार का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि विविधता में एकता का प्रतीक है।

सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी:

त्रिपाठी ने लिखा कि महापुरुषों को जाति या समुदाय के आधार पर बांटना उनकी शिक्षाओं का अपमान है। उन्होंने चेताया कि विभाजनकारी मानसिकता से छत्तीसगढ़ की एकता और प्रगति को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने हिंदू समाज को जिहादी और मिशनरी षड्यंत्रों से सतर्क रहने की सलाह दी और लव जिहाद व कन्वर्जन जैसे मुद्दों पर एकजुटता की आवश्यकता बताई।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मूर्ति खंडन को राज्य की अस्मिता पर हमला बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नगर निगम ने मूर्ति की पुनः स्थापना कर दी है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button