कोरबा में आठ साल के मासूम की सिक्का निगलने से मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक दर्दनाक हादसे में आठ वर्षीय मासूम शिवम सारथी की मौत हो गई। खेल-खेल में सिक्का निगलने के बाद इलाज में देरी और लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ। परिजनों ने जिला अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।

रायपुर, 1 नवंबर 2025: कोरबा जिले के गोढ़ी गांव में रुके हुए धरमजयगढ़, रायगढ़ निवासी मदन सारथी अपने आठ वर्षीय बेटे शिवम सारथी के साथ कुछ दिनों के लिए आए थे। शिवम केजी-2 का छात्र था। जानकारी के अनुसार, खेलते समय शिवम ने गलती से एक सिक्का निगल लिया, जो उसके गले में फंस गया। जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तो परिजन उसे तत्काल जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कोरबा लेकर पहुंचे।
इलाज में लापरवाही का आरोप:
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने एक्स-रे रिपोर्ट में सिक्का फंसे होने की पुष्टि के बावजूद इलाज से इनकार कर दिया। उन्हें कहा गया कि यहां इलाज संभव नहीं है, और बच्चे को कहीं और ले जाएं। इसके बाद परिजन उसे निजी अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही शिवम ने दम तोड़ दिया।
पुलिस जांच शुरू:
घटना की सूचना मिलने पर जिला अस्पताल चौकी पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिया है।
परिवार में मातम:
शिवम की अचानक मौत से परिवार में गहरा शोक व्याप्त है। परिजन रो-रो कर बेहाल हैं और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। इस घटना ने सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी:
अब तक कोरबा जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा और जवाबदेही तय करने की मांग की है।
सिक्का निगलने की घटनाएं और सावधानी:
विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे बच्चों में सिक्का या अन्य वस्तुएं निगलने की घटनाएं आम हैं, लेकिन समय पर और सही इलाज से जान बचाई जा सकती है। ऐसे मामलों में तत्काल एंडोस्कोपी या सर्जरी की आवश्यकता होती है। परिजनों को सलाह दी जाती है कि बच्चों को छोटे धातु या प्लास्टिक की वस्तुओं से दूर रखें और ऐसी स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ अस्पताल में ले जाएं।



