देश का पहला डिजिटल आदिवासी संग्रहालय रायपुर में शुरू, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष की गाथा को आधुनिक तकनीक से किया गया जीवंत

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर के नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह संग्रहालय देश का पहला डिजिटल ट्राइबल म्यूज़ियम है, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष, बलिदान और विरासत को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत करता है।



रायपुर, 1 नवंबर 2025: छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण किया, जिनमें नया विधानसभा भवन, श्रीसत्यसाईं अस्पताल में मरीजों से संवाद और सबसे प्रमुख डिजिटल आदिवासी संग्रहालय का उद्घाटन शामिल रहा। यह संग्रहालय शहीद वीर नारायण सिंह को समर्पित है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सोनाखान क्षेत्र में विद्रोह का नेतृत्व किया था।

संग्रहालय की विशेषताएं:

  • 10 एकड़ क्षेत्र में फैला यह संग्रहालय लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हुआ है।
  • संग्रहालय में 16 डिजिटल गैलरियां हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी आंदोलनों को क्रमबद्ध रूप से दर्शाया गया है।
  • 650 से अधिक मूर्तियां और वीएफएक्स, प्रोजेक्शन तकनीक के माध्यम से हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, परलकोट, तारापुर, लिंगागिरी, कोया, भूमकाल, मेरिया और जंगल सत्याग्रह जैसे आंदोलनों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
  • प्रत्येक झांकी के साथ QR कोड आधारित डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं, जिन्हें स्कैन कर दर्शक विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सांस्कृतिक और तकनीकी समन्वय:

इस संग्रहालय के निर्माण में बस्तर, सरगुजा, कोलकाता और मुंबई के कलाकारों और इतिहासकारों का योगदान रहा है। परिसर में शहीद वीर नारायण सिंह की विशाल प्रतिमा, तालाब और नदी जैसे प्राकृतिक दृश्य, और सौर ऊर्जा आधारित प्रकाश व्यवस्था स्थापित की गई है।

जनजातीय कला को बढ़ावा:

परिसर में ट्राइफेड की दुकानें भी खोली गई हैं, जहां आगंतुक जनजातीय शिल्प और कला सामग्री खरीद सकते हैं। साथ ही कैफेटेरिया और दर्शक सुविधा केंद्र भी बनाए गए हैं।

राज्य सरकार की मंशा:

राज्य सरकार का कहना है कि यह संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों को आदिवासी समाज के योगदान और उनके बलिदानों से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह केंद्र ब्रिटिश शासनकाल के जनजातीय विद्रोहों का दस्तावेजीकरण करने वाला देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है।

प्रधानमंत्री का संदेश:

प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ अब नक्सलवाद नहीं, विकासवाद के लिए जाना जाएगा। उन्होंने संग्रहालय को आदिवासी गौरव और राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक बताया।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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