छत्तीसगढ़ दिवस 2025: 36 गढ़ों से 5.67 लाख करोड़ GDP तक का स्वर्णिम सफर
छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक यात्रा ने इसे भारत के सबसे संभावनाशील राज्यों में शामिल किया है। 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए इस राज्य ने दो दशकों में परंपरा और प्रगति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है।

रायपुर, 1 नवंबर 2025: छत्तीसगढ़ दिवस के अवसर पर आज हम उस राज्य की गौरवगाथा को याद कर रहे हैं, जिसने प्राकृतिक संपदा, सांस्कृतिक विरासत और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। छत्तीसगढ़ का नामकरण, इतिहास, आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक पहचान इसे भारत के सबसे विशिष्ट राज्यों में स्थान दिलाते हैं।
नामकरण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
छत्तीसगढ़ नाम के पीछे दो प्रमुख मत हैं। पहला, यहां स्थित 36 किलों या गढ़ों के आधार पर रखा गया नाम, जिसमें रायपुर गजेटियर (1973) के अनुसार 18 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर और 18 दक्षिण में स्थित थे। दूसरा मत इसे चेदिशगढ़ का अपभ्रंश मानता है, जो चेदि राजवंश के शासन से जुड़ा है।
प्राचीन दक्षिण कोसल से आधुनिक छत्तीसगढ़ तक
छत्तीसगढ़ का इतिहास दक्षिण कोसल, महाकांतार और दण्डकारण्य जैसे क्षेत्रों से जुड़ा है। मौर्य, गुप्त, कलचुरी, मराठा और ब्रिटिश शासनकाल ने इस भूमि को ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध किया। कलचुरी वंश ने रतनपुर को राजधानी बनाकर स्थापत्य कला और मंदिरों की अनमोल विरासत छोड़ी।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
1857 की क्रांति में सोनाखान के वीर नरहरदेव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय चेतना से जोड़ा। आदिवासी आंदोलनों ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी।
औद्योगिक और आर्थिक विकास की कहानी
छत्तीसगढ़ की GDP वर्ष 2000 में 25,486 करोड़ थी, जो 2025 में 5,67,880 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। जनसंख्या भी 208.3 लाख से बढ़कर 308.6 लाख हो गई है। भिलाई इस्पात संयंत्र, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जैसे जिले इसे पावर हब ऑफ इंडिया बनाते हैं।
पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान
बस्तर का दशहरा, पंथी नृत्य, राउत नाचा, करमा नृत्य जैसी लोक कलाएं छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति को जीवंत बनाए रखती हैं। दंतेश्वरी, बम्लेश्वरी, महामाया, चंद्रहासिनी और भोरमदेव मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
नवा रायपुर: भविष्य की राजधानी
राज्य की राजधानी रायपुर को आधुनिक प्रशासनिक केंद्र नवा रायपुर (अटल नगर) के रूप में विकसित किया गया है, जो स्मार्ट सिटी की दिशा में एक बड़ा कदम है।
धान का कटोरा और संभावनाओं का गढ़
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। कृषि, खनिज, ऊर्जा, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में इसकी असीम संभावनाएं इसे भारत के विकासशील राज्यों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करती हैं।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ ने बीते 25 वर्षों में परंपरा और प्रगति का ऐसा संगम प्रस्तुत किया है, जो न केवल राज्य की पहचान को मजबूत करता है, बल्कि पूरे भारत को प्रेरणा देता है। छत्तीसगढ़ दिवस पर यह गौरवगाथा हर नागरिक के लिए गर्व का विषय है।



