विधायक डॉ संपत अग्रवाल की सक्रियता से बसना को मिला स्वच्छता का नया आधार,2.85 करोड़ की परियोजना को मिली हरी झंडी
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बसना को बड़ी सौगात, विधायक डॉ संपत अग्रवाल बोले-जनता को मिलेगी जलभराव से स्थायी राहत

 
बसना । छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन–शहरी 2.0 के तहत बसना नगर पंचायत में जल निकासी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 285.32 लाख की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। यह स्वीकृति इंटरसेप्शन और डायवर्सन ड्रेन निर्माण हेतु दी गई है, जिससे स्थानीय नागरिकों को लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।
परियोजना का उद्देश्य शहर की जल निकासी प्रणाली को आधुनिक और प्रभावी बनाना है। इसके अंतर्गत वर्षा जल और घरेलू अपशिष्ट जल के समुचित निष्कासन के लिए इंटरसेप्शन और डायवर्सन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीकी हस्तक्षेप न केवल जलभराव की समस्या को दूर करेगा, बल्कि स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने इस स्वीकृति को “जनहित में ऐतिहासिक निर्णय” बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू,मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उप मुख्यमंत्री अरुण साव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बसना की जनता को जल निकासी की समस्या से निजात दिलाने हेतु यह परियोजना अत्यंत आवश्यक थी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में डबल इंजन भाजपा सरकार ने जिस तत्परता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को जमीन पर उतारा है, वह सराहनीय है।
विधायक डॉ अग्रवाल ने आगे कहा कि यह परियोजना न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देगी, बल्कि शहर की सुंदरता और नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार लाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि निर्माण कार्य गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाएगा, जिससे जनता को शीघ्र लाभ मिल सके।
विधायक डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस ड्रेनेज प्रणाली से क्षेत्र को बहुआयामी लाभ प्राप्त होंगे। वर्षा ऋतु में सड़कों और गलियों में जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान होगा, जिससे नागरिकों को आवागमन में सुविधा मिलेगी और दुर्घटनाओं की आशंका भी कम होगी। स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ठहरे हुए पानी से उत्पन्न मच्छरों और जलजनित रोगों जैसे डेंगू और मलेरिया की रोकथाम संभव होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इंटरसेप्शन और डायवर्सन तकनीक के माध्यम से अपशिष्ट जल का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाएगा, जिससे जल स्रोतों का प्रदूषण कम होगा और पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा। व्यवस्थित जल निकासी से शहर की साफ-सफाई बनी रहेगी और बसना की छवि एक विकसित एवं योजनाबद्ध नगर के रूप में उभरेगी।
परियोजना के क्रियान्वयन से स्थानीय स्तर पर श्रमिकों को रोजगार मिलेगा और निर्माण कार्य से जुड़ी सामग्री व सेवाओं की मांग बढ़ेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। डॉ संपत अग्रवाल ने अंत में कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “स्वच्छ भारत मिशन–शहरी 2.0” की जमीनी सफलता का उदाहरण है और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शासन की जवाबदेही और जनविश्वास में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। उन्होंने इसे बसना के विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।
 

 
						


