राहुकाल का समय, अभिजीत मुहूर्त, और धार्मिक महत्व: शुभ कार्यों के लिए आज के ग्रहों का लेखा-जोखा

चूंकि आज शुक्रवार है, यह दिन विशेष रूप से धन, वैभव और प्रेम की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
राहुकाल क्या होता है और शुभ कार्य क्यों वर्जित हैं
राहुकाल हिंदू ज्योतिष में दिन का एक अशुभ समय या एक निश्चित समयावधि होती है, जिसे विशेष रूप से राहु नामक छाया ग्रह से जोड़ा गया है। ज्योतिष में राहु को एक क्रूर ग्रह और अनिश्चितता, भ्रम, और आकस्मिक घटनाओं का कारक माना जाता है।
यह काल पृथ्वी पर राहु के प्रभाव की प्रबलता को दर्शाता है। राहुकाल की गणना सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को आठ बराबर भागों में विभाजित करके की जाती है, और यह हर दिन अलग समय पर आता है। ऐसी मान्यता है कि राहुकाल में किए गए किसी भी नए और शुभ कार्य में बाधाएं आती हैं।
इस समय शुरू किए गए कार्य अक्सर अधूरे रह जाते हैं, या उनका परिणाम अपेक्षा के विपरीत या असफल होता है। राहु की नकारात्मक ऊर्जा के कारण, इस अवधि में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय भी गलत दिशा में जा सकते हैं, जिससे भविष्य में हानि की संभावना बनी रहती है।
आज 24 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को राहुकाल का समय
आज राहुकाल का समय सूर्योदय के अनुसार प्रातः 10:40 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक रहेगा। यह लगभग डेढ़ घंटे का समय है जब राहु का प्रभाव अत्यधिक सक्रिय माना जाता है।
राहुकाल में क्या नहीं करना चाहिए (वर्जित कार्य): इस अशुभ समय में किसी भी शुभ या नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए, जैसे नया व्यवसाय शुरू करना, नौकरी ज्वाइन करना, या कोई महत्वपूर्ण वित्तीय लेन-देन करना।
शेयर बाजार, सोना, या किसी भी संपत्ति में नया निवेश करने से बचना चाहिए। विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई आदि जैसे मांगलिक संस्कार भी इस दौरान वर्जित माने जाते हैं। साथ ही, लंबी दूरी की यात्रा, खासकर दक्षिण दिशा की यात्रा, करने से बचें।
राहुकाल में क्या करना चाहिए: इस दौरान अपने दैनिक और नियमित कार्यों को जारी रखा जा सकता है। भगवान का ध्यान, मंत्र जाप और पूजा-पाठ (जो नियमित रूप से किया जाता है) किया जा सकता है। राहु-केतु से संबंधित मंत्रों का जाप या दान-पुण्य करना इस समय विशेष फलदायी माना जाता है, क्योंकि यह राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
आज 24 अक्टूबर 2025 का विस्तृत पंचांग विवरण
आज का दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के प्रभाव में है, जो देर रात 01:19 बजे तक रहेगी, जिसके बाद चतुर्थी तिथि का आरंभ होगा। आज का नक्षत्र अनुराधा है, जो अगले दिन सूर्योदय तक रहेगा। सौभाग्य योग देर रात 05:54 बजे तक रहेगा, जिसके बाद शोभन योग आरंभ होगा।
करण तैतिल दोपहर 12:03 बजे तक, तत्पश्चात गर देर रात 01:19 बजे तक रहेगा। आज चंद्रमा पूरे दिन वृश्चिक राशि में संचार करेंगे। सूर्य तुला राशि में स्थित हैं। विक्रम संवत 2082 (कालयुक्त) और शक संवत 1947 (विश्वावसु) चल रहा है। आज का वार शुक्रवार है।
सूर्य एवं चंद्र गणनाएँ:
- सूर्योदय: प्रातः 06:27 बजे
- सूर्यास्त: सायं 05:43 बजे
आज के शुभ और अशुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त (अत्यंत शुभ समय):
आज शुभ कार्यों के लिए कई उत्तम काल उपलब्ध हैं। ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04:43 बजे से प्रातः 05:35 बजे तक रहेगा, जो ध्यान और साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ है। दिन का सबसे शुभ मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, दिन में 11:39 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक है। इसके अतिरिक्त, विजय मुहूर्त दोपहर 01:53 बजे से दोपहर 02:37 बजे तक और गोधूलि मुहूर्त सायं 05:43 बजे से सायं 06:09 बजे तक शुभ रहेगा।
अशुभ मुहूर्त (वर्जित समय):
राहुकाल के अतिरिक्त, आज अन्य अशुभ काल भी रहेंगे। यमगण्ड दोपहर 02:54 बजे से सायं 04:18 बजे तक रहेगा, जबकि गुलिक काल प्रातः 07:51 बजे से प्रातः 09:16 बजे तक रहेगा। दुर्मुहूर्त दो बार आएगा: एक प्रातः 08:42 बजे से प्रातः 09:27 बजे तक और दूसरा दोपहर 12:27 बजे से दोपहर 01:12 बजे तक। वर्ज्यम् काल प्रातः 09:21 बजे से प्रातः 11:09 बजे तक रहेगा, जिसमें शुभ कार्य वर्जित हैं।
राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का टकराव: क्या करें
अभिजीत मुहूर्त दिन का सर्वाधिक शुभ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है विजेता। ज्योतिष शास्त्र में, यह माना जाता है कि अभिजीत मुहूर्त में शुरू किए गए अधिकांश कार्यों में विजय प्राप्त होती है। आज राहुकाल दोपहर 12:05 बजे समाप्त हो रहा है, जबकि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:24 बजे तक है। सौभाग्य से, राहुकाल समाप्त होने के तुरंत बाद अभिजीत मुहूर्त का समय चल रहा है, जिससे दोनों के बीच कोई सीधा टकराव नहीं है।
ज्योतिषीय समाधान: यदि कभी राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय पूरी तरह से एक-दूसरे के साथ पड़ जाए, तो भी सामान्य शुभ कार्य (जैसे मीटिंग, साधारण लेन-देन) अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त की शक्ति राहुकाल के अशुभ प्रभाव को कम करने में सक्षम होती है। हालांकि, विवाह, गृह प्रवेश जैसे बड़े मांगलिक कार्यों को हमेशा राहुकाल के समाप्त होने के बाद ही करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि अभिजीत मुहूर्त के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह पंचांग और मुहूर्त की जानकारी www.the4thpillar.live की तरफ से स्थानीय सूर्योदय-सूर्यास्त पर आधारित है। कृपया अपने स्थान के सटीक समय की पुष्टि स्थानीय विद्वान ज्योतिषियों से अवश्य करा लें। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को आरंभ करने से पहले शुभ-अशुभ समय का ध्यान रखना आवश्यक है। हम इस जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के परिणामों की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।



