आज का पंचांग और शुभ-अशुभ मुहूर्त: राहुकाल में भूलकर भी न करें ये काम, जानें धार्मिक महत्व


गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025: दशमी तिथि और शुभ योग में राहुकाल का समय और निवारण
रायपुर, गुरुवार, 16 अक्टूबर, 2025: ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल को एक ऐसा अशुभ काल माना गया है, जिसमें किसी भी नए या शुभ कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए। यह अवधि प्रतिदिन सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच लगभग डेढ़ घंटे (90 मिनट) के लिए आती है।
राहुकाल क्या है और क्यों होता है? राहुकाल का संबंध पौराणिक कथाओं में वर्णित छाया ग्रह राहु से है। ज्योतिष के अनुसार, राहु एक ऐसा ग्रह है जिसका प्रभाव भ्रम, अनिश्चितता, बाधा और अप्रत्याशित कठिनाइयाँ पैदा करता है।
दिन के एक निश्चित समय में राहु की नकारात्मक ऊर्जा सर्वाधिक सक्रिय होती है, जिसे राहुकाल कहा जाता है। चूंकि राहुकाल में शुरू किए गए कार्य अक्सर विलंब, बाधाओं या नकारात्मक परिणाम के शिकार होते हैं, इसलिए इस समय को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।
16 अक्टूबर 2025: राहुकाल और शुभ मुहूर्त का समय
आज गुरुवार है, और स्थानीय पंचांग गणनाओं के अनुसार, रायपुर के लिए राहुकाल और शुभ मुहूर्त का समय इस प्रकार है:
राहुकाल (अशुभ समय)
- समय: दोपहर 01:32 बजे से दोपहर 02:58 बजे तक (लगभग 90 मिनट)
- इस समय अवधि में राहु का प्रभाव अत्यधिक होता है, अतः इसे टालना ही बेहतर है।
आज के प्रमुख शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:52 बजे से सुबह 05:40 बजे तक (यह साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है)
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक (यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है)
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:10 बजे से दोपहर 03:03 बजे तक
राहुकाल में वर्जित और अनुमत कार्य
राहुकाल में क्या नहीं करना चाहिए (वर्जित कार्य) राहुकाल में निम्नलिखित शुभ या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि वे असफल हो सकते हैं या उनमें विलंब आ सकता है:
- नया व्यवसाय या नौकरी की शुरुआत: नए काम की ओपनिंग या पदभार ग्रहण करना अशुभ माना जाता है।
- धन संबंधी बड़े निर्णय: निवेश करना, पैसे का लेन-देन करना, या किसी महत्वपूर्ण वित्तीय समझौते पर हस्ताक्षर करना।
- यात्रा की शुरुआत: राहुकाल में नई यात्रा शुरू करने से बचें, खासकर दक्षिण दिशा की यात्रा।
- मांगलिक कार्य: विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञ या कोई भी धार्मिक अनुष्ठान शुरू करना।
- खरीददारी: सोना, चांदी या महत्वपूर्ण संपत्ति की खरीददारी से बचें।
राहुकाल में क्या करना चाहिए (अनुमत कार्य) राहुकाल का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जा सकता है, क्योंकि ये राहु के नकारात्मक प्रभाव को शांत करते हैं:
- राहु या अन्य ग्रहों के मंत्रों का जाप: विशेष रूप से राहु के मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है।
- पूजा-पाठ (जो पहले से चल रही हो): दैनिक पूजा, हवन या पाठ जो पहले से शुरू हो चुके हों, उन्हें जारी रखा जा सकता है।
- ध्यान और योग: आंतरिक शांति और आत्म-चिंतन के लिए यह समय उत्तम माना जाता है।
- परंपरागत कार्य: सामान्य दिनचर्या के कार्य, जैसे भोजन करना, आराम करना या पुराने काम को समाप्त करना।
राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का संयोग
यह एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय प्रश्न है कि यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो क्या किया जाए।
आज की स्थिति (16 अक्टूबर 2025): आज राहुकाल दोपहर 01:32 बजे से शुरू हो रहा है, जबकि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:29 बजे तक समाप्त हो रहा है।
इसलिए, आज यह दोनों अशुभ काल एक साथ नहीं पड़ रहे हैं, और अभिजीत मुहूर्त पूरी तरह से शुभ है।
सामान्य नियम: यदि किसी दिन ऐसी स्थिति बनती है कि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय ओवरलैप हो जाए, तो ज्योतिषीय सिद्धांतों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त की शुभता राहुकाल के दोष को समाप्त कर देती है।
अभिजीत मुहूर्त इतना शक्तिशाली होता है कि यह दिन के लगभग सभी दोषों को दूर कर देता है। इसलिए, यदि आवश्यक हो तो आप अभिजीत मुहूर्त में शुभ कार्य कर सकते हैं। हालांकि, बड़े और बहुत महत्वपूर्ण कार्यों के लिए, हमेशा पूर्ण दोषमुक्त मुहूर्त का चयन करना ही सर्वोत्तम माना जाता है।
आज का पंचांग (16 अक्टूबर 2025)
आज का पंचांग, जो पांच मुख्य अंगों (तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण) से मिलकर बना है, वह इस प्रकार है:
- विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
- शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
- मास: कार्तिक
- पक्ष: कृष्ण पक्ष
- तिथि: दशमी (सुबह 10:35 बजे तक, उपरांत एकादशी)
- वार: गुरुवार
- नक्षत्र: आश्लेषा (दोपहर 12:42 बजे तक, उपरांत मघा)
- योग: शुभ (रात 02:10 बजे, 17 अक्टूबर तक, उपरांत शुक्ल)
- करण: विष्टि (सुबह 10:36 बजे तक, उपरांत बव)
- सूर्य राशि: कन्या
- चंद्र राशि: कर्क (दोपहर 12:42 बजे तक, उपरांत सिंह)
- सूर्योदय: लगभग 06:22 बजे
- सूर्यास्त: लगभग 05:49 बजे
आज का धार्मिक महत्व
आज गुरुवार का दिन है, जो भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है।
- गुरुवार व्रत और पूजा: इस दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करने से ज्ञान, धन, संतोष और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पीले वस्त्र धारण करना और पीली वस्तुओं (चने की दाल, हल्दी) का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दशमी श्राद्ध: आज कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि सुबह तक है, जिसे दशमी श्राद्ध के रूप में भी मनाया जाता है। पितरों के निमित्त तर्पण करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- रमा एकादशी तिथि का आरंभ: आज सुबह 10:35 बजे के बाद एकादशी तिथि लग जाएगी, जिससे कल (17 अक्टूबर) रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा, जो दिवाली से पहले आने वाली एकादशी है।
डिस्क्लेमर: www.the4thpillar.live की तरफ से यह जानकारी केवल पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। समय और स्थान के अंतर के कारण राहुकाल एवं मुहूर्तों में मामूली अंतर संभव है। किसी भी बड़े या शुभ कार्य को करने से पहले अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें। हम किसी भी परिणाम की पूर्ण सटीकता का दावा नहीं करते हैं।