हनीट्रैप में फंसकर ISI का जासूस बना अलवर का मंगत सिंह, राजस्थान पुलिस ने किया गिरफ्तार
राजस्थान की सीआईडी इंटेलिजेंस ने अलवर निवासी मंगत सिंह को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसे एक पाकिस्तानी महिला हैंडलर ने हनीट्रैप में फंसाया और पैसे के बदले भारत के सैन्य ठिकानों की गोपनीय जानकारी हासिल की। इससे पहले सितंबर में जैसलमेर से हनीफ खान नामक व्यक्ति को भी इसी तरह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।


रायपुर, 11 अक्टूबर 2025: राजस्थान में एक बार फिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की हनीट्रैप साजिश का पर्दाफाश हुआ है। इस बार अलवर जिले के गोविंदगढ़ निवासी मंगत सिंह को सीआईडी इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने एक पाकिस्तानी महिला हैंडलर के कहने पर भारत के सैन्य ठिकानों और छावनी क्षेत्र से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा की।
अलवर छावनी क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों से खुला मामला
राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने अलवर के छावनी क्षेत्र में निगरानी के दौरान मंगत सिंह की गतिविधियों को संदिग्ध पाया। जांच में सामने आया कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से एक महिला से संपर्क में था, जो खुद को ‘ईशा शर्मा’ के नाम से पेश कर रही थी। बाद में खुलासा हुआ कि यह महिला एक पाकिस्तानी हैंडलर थी, जिसने मंगत सिंह को हनीट्रैप में फंसाकर पैसे का लालच देकर जासूसी करवाई।
शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज
मंगत सिंह के खिलाफ जयपुर स्थित विशेष पुलिस स्टेशन में शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया। उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया और अब उससे पूछताछ जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने कितनी जानकारी साझा की और क्या उसके संपर्क में अन्य लोग भी थे।
सितंबर में जैसलमेर से हनीफ खान की गिरफ्तारी
यह कोई पहला मामला नहीं है। सितंबर 2025 में जैसलमेर से हनीफ खान नामक व्यक्ति को भी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हनीफ खान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की गतिविधियों से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान को भेजी थी। जांच में सामने आया कि उसे इसके बदले में 30,000 रुपये की रकम किस्तों में मिली थी।
सोशल मीडिया बना जासूसी का जरिया
दोनों मामलों में यह बात सामने आई है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी एजेंसी ने भारतीय नागरिकों को हनीट्रैप में फंसाया और उनसे संवेदनशील जानकारी हासिल की। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और सुरक्षा एजेंसियों को अब ऐसे मामलों में और सतर्कता बरतनी होगी।
अन्य हनीट्रैप मामलों की कड़ी
भारत में पिछले कुछ वर्षों में ISI द्वारा हनीट्रैप के जरिए जासूसी करवाने के कई मामले सामने आए हैं। इनमें सेना के जवानों, रेलवे कर्मचारियों और यहां तक कि सरकारी अधिकारियों को भी निशाना बनाया गया है। 2023 में मध्य प्रदेश के भोपाल से एक सेना का जवान इसी तरह के हनीट्रैप में फंसकर गिरफ्तार हुआ था। 2024 में पंजाब के फिरोजपुर से एक रेलवे कर्मचारी को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया था।
निष्कर्ष:
राजस्थान में लगातार सामने आ रहे हनीट्रैप आधारित जासूसी मामलों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। मंगत सिंह और हनीफ खान की गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि ISI भारत में अपने नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में आम नागरिकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन संपर्क की सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को देनी चाहिए।