आज का राहुकाल और शुभ मुहूर्त: जानिए 29 सितंबर 2025 के पंचांग, धार्मिक महत्व और दिनचर्या के लिए क्या करें, क्या न करें

आज सोमवार को राहुकाल सुबह 07:43 बजे से 09:12 बजे तक रहेगा। जानिए इस समय क्या कार्य वर्जित हैं, क्या सावधानी बरतनी चाहिए और क्या है आज का शुभ मुहूर्त व धार्मिक महत्व।



रायपुर, 29 सितंबर 2025: आज सोमवार को राहुकाल सुबह 07:43 बजे से 09:12 बजे तक रहेगा। जानिए इस समय क्या कार्य वर्जित हैं, क्या सावधानी बरतनी चाहिए और क्या है आज का शुभ मुहूर्त व धार्मिक महत्व।


राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है

राहुकाल वैदिक ज्योतिष में एक ऐसा समय होता है जिसे अशुभ माना जाता है। यह काल हर दिन अलग-अलग समय पर आता है और इसका निर्धारण सूर्योदय के समय के आधार पर किया जाता है।

राहुकाल का संबंध राहु ग्रह से होता है, जिसे छाया ग्रह कहा जाता है। यह समय नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित माना जाता है और इस दौरान कोई भी नया या शुभ कार्य जैसे विवाह, यात्रा, खरीदारी, नया व्यापार आरंभ आदि नहीं करना चाहिए।

राहुकाल में शुभ कार्यों से बचने की परंपरा इसलिए है क्योंकि इस समय ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होती और कार्यों में बाधा, विघ्न या असफलता की संभावना बढ़ जाती है।


29 सितंबर 2025 का राहुकाल (Raipur के अनुसार):

  • समय: सुबह 07:43 बजे से 09:12 बजे तक
  • वार: सोमवार
  • दिशा शूल: पूर्व दिशा (इस दिशा में यात्रा से बचें)

राहुकाल में क्या न करें:

  • नया व्यापार या कार्य शुरू न करें
  • कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें
  • यात्रा आरंभ न करें
  • विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीद जैसे शुभ कार्य न करें

राहुकाल में क्या करें:

  • ध्यान, जप, आत्मचिंतन
  • पुराने कार्यों की समीक्षा
  • मानसिक शांति के लिए पूजा-पाठ
  • राहु मंत्र का जाप (ॐ रां राहवे नमः – 108 बार)

क्या राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो शुभ कार्य किया जा सकता है

अभिजीत मुहूर्त को दिन का सबसे शक्तिशाली और शुभ मुहूर्त माना जाता है। यदि यह राहुकाल के साथ आ जाए, तो ज्योतिषाचार्यों की राय में अभिजीत मुहूर्त की शुभता राहुकाल की अशुभता को निष्क्रिय कर सकती है। ऐसे में अत्यावश्यक कार्य अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं, लेकिन सावधानी और मंत्र जाप के साथ।


आज का शुभ मुहूर्त (29 सितंबर 2025):

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:37 AM – 05:25 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:47 AM – 12:35 PM
  • विजय मुहूर्त: 02:11 PM – 02:58 PM
  • गोधूलि मुहूर्त: 06:09 PM – 06:33 PM
  • अमृत काल: 11:15 PM – 01:01 AM (30 सितंबर)

आज का पंचांग (29 सितंबर 2025):

  • तिथि: आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी (04:31 PM तक), इसके बाद अष्टमी
  • वार: सोमवार
  • नक्षत्र: मूल (पूर्ण रात्रि तक)
  • योग: सौभाग्य (01:01 AM, 30 सितंबर तक)
  • करण: वणिज (04:31 PM तक), विष्टि (05:23 AM, 30 सितंबर तक)
  • सूर्योदय: 06:13 AM
  • सूर्यास्त: 06:09 PM
  • चंद्रोदय: 12:51 PM
  • चंद्रास्त: 10:55 PM
  • सूर्य गोचर: कन्या राशि
  • चंद्र गोचर: धनु राशि

आज का धार्मिक महत्व:

  • सरस्वती आवाहन: नवरात्रि के दौरान आज देवी सरस्वती की पूजा का प्रारंभिक दिन है। इसे सरस्वती आह्वान कहा जाता है, जिसमें भक्त देवी को आमंत्रित करते हैं।
  • सोमवार व्रत: आज भगवान शिव को समर्पित सोमवार का व्रत रखा जा सकता है। यह व्रत मानसिक शांति, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख के लिए लाभकारी माना जाता है।
  • नवपत्रिका पूजा: आज नवपत्रिका पूजन का भी विशेष महत्व है, जिसमें नौ पवित्र पत्तों की पूजा की जाती है।

डिस्क्लेमर : यह जानकारी वैदिक पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य पाठकों को मार्गदर्शन देना है। किसी भी शुभ कार्य या निर्णय से पूर्व योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें। इस लेख में दी गई जानकारी की पुष्टि के लिए पाठक स्वयं स्रोतों की जांच करें। www.the4thpillar.live ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button