दिल्ली ब्लास्ट पर कांग्रेस का हमला, आतंकियों को जवाब देने में नाकाम रही केंद्र सरकार : दीपक बैज

मोदी-शाह बताएं: पुलवामा और पहलगाम के दोषी कौन थे?



रायपुर । दिल्ली ब्लास्ट मोदी सरकार की कमजोरी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ऐसी घटनाओं का मुहंतोड़ जवाब दिया जाना चाहिये। देश की राजधानी में इस प्रकार की घटना केन्द्र सरकार की अक्षमता है। देश में जब से मोदी सरकार बनी हैं। इस प्रकार की घटनाएं लगातार हुई है। पुलवामा, पठानकोट, पहलगाम जैसी घटनाओं के बाद सरकार की नाकामी और कमजोरी का परिणाम है कि आतंकी देश की राजधानी दिल्ली में विस्फोट करने का दुस्साहस कर बैठे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जब विपक्ष में थे तब हर आतंकी घटना के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार को दोषी ठहराते थे, अब जब वैसी ही घटनाएं हो रही है तो अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है। घटना के बाद प्रधानमंत्री बता रहे है कि यह बड़ी साजिश है, तो इस साजिश का पर्दाफाश केंद्र सरकार क्यों नहीं करती है? 2014 के पहले की आतंकी घटना की जिम्मेदार तत्कालीन सरकार थी तब अभी का घटनाओं की जिम्मेदारी मोद क्यों नहीं लेते हैं? क्यों आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पा रहे है?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह का बयान आया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, लेकिन आज तक किसी भी घटना के दोषियों को मोदी सरकार सजा नहीं दे पाई है। पुलवामा का दोषी कौन था? 350 किलो आरडीएक्स वहां कौन लाया था आज तक मोदी-शाह नहीं बता पाये है? पहलगाम के आतंकी कौन थे, आज भी देश की जनता जानना चाहती है। हर घटना के बाद केवल कोरी बयानबाजी करने के बजाय सरकार कोई ठोस कार्यवाही करते क्यों नहीं दिख रही है?

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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