Asia Cup 2025: आदित्य ठाकरे ने भारत-पाकिस्तान मैच को बताया राष्ट्र-विरोधी, बोले- ‘बीसीसीआई का व्यवहार शर्मनाक’



रायुपर, 13 सितंबर, 2025: एशिया कप में 14 सितंबर को होने वाले बहुप्रतीक्षित मैच पर विवाद गहराया; शिवसेना (यूबीटी) ने ‘सिंदूर रक्षा अभियान’ के तहत विरोध प्रदर्शन की घोषणा की; भाजपा और खिलाड़ियों की देशभक्ति पर उठाए सवाल।

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर देश में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। शुक्रवार, 12 सितंबर को, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बीसीसीआई को राष्ट्र-विरोधी और स्वार्थी बताते हुए इस मैच के पूर्ण बहिष्कार की मांग की। ठाकरे का यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में आया है, जिसमें भारतीय सेना के एक काफिले पर हुए हमले में कई सैनिक शहीद हो गए थे।

बीसीसीआई के ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘स्वार्थी’ व्यवहार पर तीखा हमला

आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने पूरी दुनिया को बताया है कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था, फिर भी हम उनके साथ खेलना चाहते हैं। यह बीसीसीआई के लिए शर्म की बात है। उन्होंने भाजपा पर भी अपनी विचारधारा बदलने का आरोप लगाया। ठाकरे ने एक प्रमुख बयान में कहा कि अगर खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो खून और क्रिकेट कैसे बह सकते हैं? उनका यह कथन भारत द्वारा पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के संदर्भ में था।

ठाकरे ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने बार-बार हमारे देश पर हमले किए हैं और आतंकवाद फैलाकर निर्दोष लोगों को मारा है। फिर भी बीसीसीआई केवल टीवी राजस्व और विज्ञापन राजस्व के लिए पाकिस्तान के साथ मैच खेलने को लेकर उत्साहित क्यों है? उन्होंने पाकिस्तान द्वारा 2025 पुरुष हॉकी एशिया कप का बहिष्कार करने का उदाहरण भी दिया, क्योंकि यह टूर्नामेंट भारत में आयोजित हो रहा था।

खिलाड़ी और प्रसारक भी देशभक्ति पर सवाल के घेरे में

इस राजनीतिक विवाद में, ठाकरे ने क्रिकेट जगत के खिलाड़ियों, बीसीसीआई और प्रसारकों की देशभक्ति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी, बीसीसीआई और प्रसारक सभी इस मैच का बहिष्कार कर सकते हैं, तो वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? उन्होंने कहा, जो लोग यह मैच खेलने जा रहे हैं, उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि उनमें देशभक्ति कितनी जिंदा है।

इस बीच, पार्टी ने मैच के दिन यानी 14 सितंबर को ‘सिंदूर रक्षा अभियान’ नामक एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है। पार्टी की महिला विंग सड़कों पर उतरकर विरोध जताएगी। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि बाद में, पहलगाम आतंकवादी हमले की याद दिलाने और यह जताने के लिए कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए, लाखों घरों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिंदूर भेजा जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने भी साधा था निशाना

इससे पहले, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रीय गौरव से समझौता करने की अनुमति देने के लिए हमला किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह मैच इसलिए हो रहा है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष हैं।

बीसीसीआई की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड का मानना है कि खेल को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए और एशिया कप एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता है, जिसके उल्लंघन से भारी वित्तीय नुकसान और टूर्नामेंट से प्रतिबंध लग सकता है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शिवसेना (यूबीटी) के इस विरोध को राजनीतिक लाभ के लिए की गई एक हताशा भरी कार्रवाई बताया है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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