सपा की आय घटी, खर्च बढ़ा; एडीआर रिपोर्ट में 51% अधिक व्यय का खुलासा

वित्तीय वर्ष 2023-24 में सपा ने आय से 51.18% अधिक खर्च किया, ब्याज रही सबसे बड़ी आय का स्रोत।



रायपुर, 11 सितम्बर 2025: देश की तीसरी सबसे बड़ी क्षेत्रीय पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) की वित्तीय स्थिति को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में सपा की आय में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई, जबकि खर्च में भारी बढ़ोतरी हुई। पार्टी की सबसे अधिक कमाई बैंक ब्याज से हुई, जबकि चुनावी और प्रशासनिक खर्चों ने बजट पर दबाव डाला।


आय और खर्च का तुलनात्मक विश्लेषण

वित्तीय वर्षघोषित आय (₹ करोड़)कुल खर्च (₹ करोड़)खर्च में आय से अधिक (%)
2022–2332.952
2023–2426.121539.49051.18%
  • सपा की आय में 20.73% की गिरावट दर्ज की गई
  • पार्टी ने आय से 13.36 करोड़ रुपये अधिक खर्च किए

आय के स्रोत

एडीआर रिपोर्ट के अनुसार सपा की कुल आय 26.1215 करोड़ रुपये रही, जिसमें प्रमुख योगदान निम्नलिखित स्रोतों से आया:

स्रोतराशि (₹ करोड़)प्रतिशत (%)
बैंक ब्याज (FD और सेविंग्स)21.5882.62
फीस और सब्सक्रिप्शन3.9315.03
ग्रांट/डोनेशन0.481.85
अन्य आय0.13030.50

ब्याज आय पार्टी की कुल आय का सबसे बड़ा हिस्सा रही, जो यह दर्शाता है कि पार्टी की वित्तीय रणनीति निवेश आधारित रही है।


खर्च का वर्गीकरण

सपा ने कुल 39.490 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें प्रमुख खर्च निम्नलिखित रहे:

खर्च का प्रकारराशि (₹ करोड़)प्रतिशत (%)
चुनावी खर्च19.1448.49
प्रशासनिक और सामान्य खर्च10.1725.75
संपत्तियों पर ह्रास4.9012.42
अन्य खर्च5.2613.34

चुनावी गतिविधियों पर सबसे अधिक खर्च किया गया, जो पार्टी की राजनीतिक सक्रियता को दर्शाता है।


रिपोर्ट दाखिल करने में देरी

एडीआर के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने अपनी वित्तीय रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को 55 दिन की देरी से, 26 दिसंबर 2024 को जमा की। यह देरी पारदर्शिता और समयबद्धता के मानकों पर सवाल खड़ा करती है।


क्षेत्रीय दलों की सामूहिक आय और सपा की स्थिति

  • वित्त वर्ष 2023-24 में देश के 40 क्षेत्रीय दलों ने कुल 2,532.09 करोड़ रुपये की आय घोषित की
  • इनमें से 70% से अधिक आय चुनावी बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त हुई
  • सपा उन 12 दलों में शामिल है जिन्होंने अपनी आय से अधिक खर्च किया

अन्य दलों में वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी(यू), शिअद, सीपीआई(एमएल)(एल), एलजेपी (रामविलास) शामिल हैं। वाईएसआर कांग्रेस ने सबसे अधिक 104.7235 करोड़ रुपये या अपनी आय से 54.82% अधिक खर्च किया।


निष्कर्ष
समाजवादी पार्टी की वित्तीय रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पार्टी को आय में गिरावट और खर्च में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ा है। ब्याज आय पर अत्यधिक निर्भरता और चुनावी खर्चों में बढ़ोतरी पार्टी की आर्थिक रणनीति पर पुनर्विचार की मांग करती है। साथ ही, रिपोर्ट दाखिल करने में देरी पारदर्शिता के मुद्दे को भी उजागर करती है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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