Panchang: जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर विशेष पंचांग: जानिए 15 अगस्त 2025 का राहुकाल, शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व और क्या करें-क्या न करें




पंचांग की महत्ता: हिंदू धर्म में पंचांग का स्थान

 

समय का शास्त्रीय निर्धारण- हिंदू पंचांग केवल तिथियों का संग्रह नहीं, बल्कि यह ब्रह्मांडीय घटनाओं, ग्रहों की चाल, नक्षत्रों और योगों के आधार पर जीवन के हर कार्य के लिए उपयुक्त समय तय करता है। विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ, पूजा-पाठ, हर कार्य पंचांग के अनुसार ही शुभ माना जाता है।

धार्मिक और ज्योतिषीय मार्गदर्शन- पंचांग में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण के साथ सूर्योदय-सूर्यास्त, चंद्रोदय-चंद्रास्त की जानकारी दी जाती है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए मार्गदर्शक है, बल्कि ज्योतिषीय उपायों और ग्रह दोष निवारण के लिए भी आधार बनता है।

संस्कृति और परंपरा का वाहक- हर दिन का पंचांग हमें हमारी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ता है। यह हमें बताता है कि किस दिन कौन-सा पर्व, व्रत या अनुष्ठान करना है। पंचांग के माध्यम से हम ऋतुओं, त्योहारों और देवताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करते हैं।

जीवन में संतुलन और शुभता का सूत्र- पंचांग के अनुसार कार्य करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह अशुभ समय से बचाव करता है और शुभ संयोगों का लाभ दिलाता है। पंचांग का पालन करना आत्मिक शांति और सफलता की कुंजी माना जाता है।


आज का पंचांग: 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार)

तत्वविवरण
तिथिसप्तमी (रात 11:49 तक), अष्टमी आरंभ
वारशुक्रवार
नक्षत्रअश्विनी
योगगण्ड योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग
सूर्योदयसुबह 5:38 बजे
सूर्यास्तशाम 6:42 बजे
चंद्रोदयरात 10:46 बजे
चंद्र राशिमेष

आज का राहुकाल और अशुभ समय

कालसमय
राहुकालसुबह 10:47 से दोपहर 12:25 तक
यमगण्ड कालदोपहर 3:43 से शाम 5:22 तक
गुलिक कालसुबह 7:29 से सुबह 9:08 तक
भद्रा कालसुबह 5:50 से दोपहर 12:58 तक

राहुकाल में क्या न करें:

  • कोई नया कार्य आरंभ न करें
  • यात्रा, खरीदारी, निवेश या शुभ कार्य टालें
  • पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान न करें

राहुकाल में क्या करें:

  • मंत्र जाप, ध्यान, आत्मचिंतन
  • पूर्व नियोजित कार्यों की समीक्षा
  • राहु ग्रह के उपाय जैसे नीले वस्त्र दान, राहु मंत्र का जाप

क्यों न करें शुभ कार्य राहुकाल में

राहुकाल को राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा का समय माना जाता है। इस समय में किए गए कार्यों में बाधा, भ्रम, हानि या असफलता की संभावना अधिक होती है। इसलिए इसे टालना ही श्रेयस्कर है।


आज के शुभ मुहूर्त

मुहूर्तसमय
ब्रह्म मुहूर्तसुबह 4:24 से 5:07 तक
चर चौघड़ियासुबह 5:50 से 7:29 तक
लाभ चौघड़ियासुबह 7:29 से 9:08 तक
अमृत चौघड़ियासुबह 9:08 से 10:47 तक
विजय मुहूर्तदोपहर 2:37 से 3:30 तक
गोधूलि मुहूर्तशाम 7:00 से 7:22 तक
निशीथ कालरात 12:05 से 12:47 तक (16 अगस्त को)

आज का धार्मिक महत्व: जन्माष्टमी की पूर्व संध्या

15 अगस्त 2025 को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रात 11:49 बजे आरंभ होगी, जो 16 अगस्त को रात 9:34 बजे तक रहेगी। इस दिन स्मार्त संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाते हैं।

  • भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की पूर्व संध्या:
    भक्तजन आज उपवास रखकर रात्रि में भजन-कीर्तन करते हैं। लड्डू गोपाल की बाल स्वरूप में पूजा की जाती है।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग:
    यह योग पूजा के फल को कई गुना बढ़ाता है। आज का दिन आध्यात्मिक उन्नति और मनोकामना पूर्ति के लिए श्रेष्ठ है।
  • धार्मिक अनुष्ठान:
    शंख में जल भरकर अभिषेक, गोपी चंदन से तिलक, माखन-मिश्री का भोग और पंचामृत स्नान की तैयारी आज से ही शुरू होती है।

 

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Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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