जनता से निर्ममतापूर्वक कर वसूली में अंग्रेजों से ज्यादा बेरहम है भाजपा की सरकारें:सुरेंद्र वर्मा

रायपुर । अप्रैल 2025 में ज्यादा जीएसटी संग्रहण को सरकार की उपलब्धि बताए जाने पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकारें आम जनता से कर वसूली करने में अंग्रेजों से भी ज्यादा बेरहम है। जीएसटी संग्रहण के कुल राशि को उपलब्धि बताने से पहले सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए की माल और सेवा के कुल मात्रा में वृद्धि हुई है या कमी? जन विरोधी भाजपा सरकारों के द्वारा माल और सेवा के आंकड़ों को अपने मुताबिक प्रसारित करके प्रचारित किया जा रहा है, असलियत यह है कि सत्ता के संरक्षण में मुनाफाखोरी बढ़ी है जिसके कारण जो सामग्री 100 रुपए में मिला करती थी उसके दाम 120 से 125 तक हो गया है, इसी के कारण कुल कर संग्रहण की राशि अधिक दिख रही है। खपत की कुल मात्रा नहीं बढ़ी है लेकिन उतने ही सामग्री पर टर्नओवर और कर संग्रहण की राशि जरूर बढ़ गई है। भाजपा की सरकारें असल तथ्यों को छुपा कर अपने टैक्स टेरर से जनता पर किए जा रहे अत्याचार को उपलब्धि बताने में जुटे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने से पहले सीमेंट के दाम 225 रुपया प्रति बोरा था जिस पर 28 प्रतिशत की दर से लगभग 63 रुपए जीएसटी वसूली होती थी, आज इसी 50 किलो के एक बोरी सीमेंट का दाम 310 रुपए कर दिया गया है जिसके एवज में जीएसटी का कलेक्शन भी लगभग 87 रुपए हो रहा है, मतलब साफ है कि एक बोरी सीमेंट में ही पिछली साल की तुलना में इस वर्ष 24 रुपए अधिक जीएसटी वसूला जा रहा है। इसी तरह से बाकी दैनिक आम उपभोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की वसूली में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दुध, दही, पनीर, आटा, मैदा, बेसन, सूजी, अनाज, दलहन, तिलहन से लेकर कफ़न के कपड़ों तक को इस सरकार ने जीएसटी के दायरे में ला दिया है। आम जनता की क्रय क्षमता नहीं बढ़ी, उत्पादन नहीं बढ़ा, खपत नहीं बढ़ी लेकिन उतने ही माल पर दाम अधिक होने के चलते जीएसटी का संग्रहण जरूर बढ़ गया है। डबल इंजन की सरकार आने के बाद गलत आर्थिक नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ में औद्योगिक उत्पादन घटा है, स्पंज आयरन, रोलिंग मिल और राइस मीलें सैकड़ो की संख्या में बंद हुए हैं, निर्यात में कटौती आई है लेकिन इस पर सरकार का कोई जवाब नहीं है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर मुनाफाखोरी को संरक्षण देकर आम जनता की जेब निर्ममता पूर्वक काटी जा रही है, जमाखोरो, मुनाफाखोरो और सरकार का खजाना भरा जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि अप्रैल 2025 के जीएसटी आंकड़ों को लेकर केंद्र की सरकार असल तथ्यों को छुपाकर एकपक्षीय दावे कर रही है कि पिछले वर्ष अप्रैल 2024 की तुलना में 12.6 प्रतिशत जीएसटी संग्रहण बढ़ा है, जीएसटी की कुल वसूली 2 लाख 10 हजार करोड़ से बढ़कर 2 लाख 37 हजार करोड़ हो गया है। सरकार को कुल औद्योगिक उत्पादन और कुल खपत की मात्रा भी बताना चाहिए। आयातित वस्तुओं पर तो लगभग 43 प्रतिशत जीएसटी संग्रहण बढ़ा है, इसका तात्पर्य यह भी है कि व्यापार संतुलन मोदी सरकार में दिनों दिन बिगड़ रहा है, निर्यात घट रहे हैं और आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रहा है, घरेलू उद्योग चौपट हो रहे हैं देश के उद्योगपति विदेशों में पलायन कर रहे हैं और यह सरकार अप्रत्यक्ष का संग्रहण के नाम पर झूठी वाहवाही लूट रही है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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