
रायपुर । बंगोली में हुई सड़क हादसा के लिए परिवहन विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बंगोली में जो सड़क हादसा हुआ है उसके लिए परिवहन विभाग जिम्मेदार है। पाटे कोहरा परिवहन चेक पोस्ट अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि पुणे से भारी सामान लेकर निकली टेलर को आखिर पाटे कोहरा परिवहन नाका ने छत्तीसगढ़ के सीमा में प्रवेश करने की इजाजत कैसे दे दी? जबकि ट्रेलर में वाहन की चौड़ाई से अधिक दोनों तरफ चार-चार फीट लोहा निकला हुआ था। जिसमें ना तो कोई संकेतक लगा था न रेडियम था। न ही किसी प्रकार से खतरे से सावधान करने वाली सूचना थी। जिसे रोकने की जिम्मेदारी परिवहन चेक पोस्ट प्रभारी का था। जिसमें घोर लापरवाही बरती गई है। जिसके चलते बंगोली में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ जिसमें दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई लोगों को गंभीर चोट लगा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि परिवहन विभाग के अवैध वसूली और लापरवाही के चलते बेरोकटोक ओवरलोड, नियम विरुद्ध माल भरे वाहनों के कारण आए दिन सड़क दुर्घटना हो रही है। परिवहन विभाग फिटनेस के दौरान लेनदेन करके अनफिट गाड़ियों को भी फिटनेस पास का प्रमाण पत्र दे रहा है फिटनेस में आयी गाड़ियों का बैक लाइट, पार्किंग लाइट, इंडिकेटर, रेडियम प्लेट की सही ढंग से जांच नहीं की जाती है जिसके चलते सड़कों पर हादसा होता है। उन्होंने कहा कि बीते 2 दिन में सड़क हादसों में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। रात में सड़कों पर चलने वाले माल वाहक गाड़ी की लंबाई से अधिक स्टील छड और अन्य सामान को लेकर स्पीड से चलते हैं और पीछे से आने वालों को अंदेशा नहीं लगने के चलते आए दिन यह दुर्घटना हो रही है इसकी रोकने की जिम्मेदारी जिन परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के पास है वह चौक चौक पर वसूली करने में मस्त है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक पब्लिक वाहनों की कमी के चलते ग्रामीण अंचलों में माल वाहक वाहनों पर यात्रा करने लोग मजबूर हैं। राज्य सरकार सार्वजनिक पब्लिक वाहनों की संख्या में वृद्धि करें राज्य स्तरीय टूरिस्ट परमिट देने की प्रक्रिया को सरल और सस्ता करें ताकि हर जिला में टूरिस्ट परमिट वाहन मौजूद रहे जिससे माल वाहक वाहनों में यात्रा करने लोग मजबूर ना हो। माल वाहक वाहनों के स्वामी को कड़ाई से निर्देश दे कि वह किसी भी कीमत पर अपने माल वाहक में यात्रियों को ले जाएंगे नहीं।