टोरंटो (कनाडा): कनाडा के टोरंटो में आयोजित इस्कॉन (ISKCON) की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान कुछ अज्ञात उपद्रवियों द्वारा अंडे फेंके जाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस कृत्य की निंदा करते हुए इसे त्योहार की समावेशी भावना के विपरीत बताया है और कनाडा सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
भारत की कड़ी आपत्ति
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए कहा कि यह त्योहार की भावना, जो एकता और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देती है, के पूरी तरह खिलाफ है। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हमने टोरंटो में रथ यात्रा के दौरान शरारती तत्वों द्वारा की गई गड़बड़ी की रिपोर्ट देखी है। इस प्रकार की निंदनीय हरकतें न केवल खेदजनक हैं बल्कि त्योहार की समावेशी भावना के भी विपरीत हैं।” जायसवाल ने पुष्टि की कि भारत ने इस मामले को कनाडाई अधिकारियों के समक्ष मजबूती से उठाया है और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि कनाडा सरकार भारतीय समुदाय के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी।
Deeply disturbed to know about the reports of eggs being hurled at devotees during #RathaJatra celebrations in Toronto, Canada. Such incidents not only grievously hurt the sentiments of Lord Jagannatha’s devotees worldwide, but also cause deep anguish to the people of #Odisha,… pic.twitter.com/UeawCx6lYt
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) July 14, 2025
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
यह घटना तब सामने आई जब इंस्टाग्राम यूजर संगना बजाज ने रविवार को एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में वह इस्कॉन की रथ यात्रा में भाग लेती दिख रही हैं। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि जैसे ही यात्रा एक कम भीड़ वाले क्षेत्र में पहुंचती है, सड़क पर टूटे हुए अंडे पड़े होते हैं। बजाज ने अपने पोस्ट में दावा किया कि ये अंडे पास की एक इमारत से फेंके गए थे, जिससे यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के बीच असहजता और निराशा फैल गई।
People throwing eggs at the ISKCON Rath Yatra in 🇨🇦 pic.twitter.com/nLsSKeOpC0
— Journalist V (@OnTheNewsBeat) July 13, 2025
घटना का व्यापक प्रभाव और कनाडा-भारत संबंध
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कनाडा में सिख चरमपंथियों की गतिविधियों और खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने की घटनाओं को लेकर भारत और कनाडा के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं। पिछले कुछ समय में कनाडा में भारतीय मंदिरों में तोड़फोड़ और भारत विरोधी भित्तिचित्र लिखने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसने भारतीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। इस नवीनतम घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता और समुदाय के सह-अस्तित्व के प्रति सम्मान पर सवाल खड़े किए हैं। भारत लगातार कनाडा से अपने यहां मौजूद भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता रहा है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को बाधित करने का प्रयास करते हैं।
धार्मिक स्वतंत्रता और सामुदायिक सौहार्द का महत्व
रथ यात्रा जैसे धार्मिक त्योहार लाखों लोगों के लिए आस्था और सामुदायिक एकता का प्रतीक होते हैं। इस्कॉन की रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को भव्य रथों में बैठाकर शहर की सड़कों पर निकाली जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है, बल्कि यह समाज में वैमनस्य फैलाने का भी काम करती है। यह महत्वपूर्ण है कि सभी समुदायों के धार्मिक आयोजनों का सम्मान किया जाए और उन्हें बिना किसी बाधा के आयोजित करने का वातावरण प्रदान किया जाए।
कनाडा सरकार पर अब यह दबाव है कि वह इस घटना के दोषियों की पहचान कर उन पर उचित कानूनी कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और भारतीय समुदाय को यह आश्वासन मिल सके कि उनके धार्मिक अधिकार सुरक्षित हैं।