नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के भीतर जारी अंदरूनी कलह एक बार फिर सार्वजनिक हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने विवाद को जन्म दे दिया है, जिसे पार्टी नेतृत्व के साथ उनके तनावपूर्ण रिश्तों की अटकलों से जोड़ा जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने तंज कसते हुए कहा, ‘आजाद परिंदे को भी आसमान में सावधानी बरतनी चाहिए।’ यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पार्टी आगामी चुनावों के लिए एकजुटता का संदेश देने की कोशिश कर रही है।
विवाद की जड़: खड़गे का बयान और थरूर की ‘उड़ान’
विवाद की शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बयान में कुछ नेताओं पर तंज कसते हुए कहा था, ‘कांग्रेस के लिए देश पहले है, लेकिन कुछ लोगों के लिए मोदी पहले हैं।’
खड़गे के इस अप्रत्यक्ष हमले के कुछ ही मिनटों बाद, थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक उड़ते परिंदे की तस्वीर साझा की और लिखा, “उड़ने की इजाजत मत मांगो। पंख तुम्हारे हैं, और आसमान किसी का नहीं।”
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 25, 2025
इस पोस्ट को तुरंत खड़गे के बयान का सीधा जवाब माना गया, जिससे थरूर की पार्टी के भीतर नाराजगी की खबरें और तेज हो गईं। थरूर की चुनौतियां तब और बढ़ गईं जब उन्होंने हाल ही में एक प्रमुख समाचार पत्र में लिखे अपने लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। उन्होंने मोदी को भारत के लिए ‘महत्वपूर्ण संपत्ति’ बताया और उनकी ‘ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ाव की इच्छा’ की सराहना की। यह बयान कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से बिल्कुल अलग था, जो मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करती रही है।
मणिकम टैगोर का सांकेतिक ‘चेतावनी’
गुरुवार को, मणिकम टैगोर ने X पर बिना किसी का नाम लिए थरूर पर निशाना साधते हुए एक और पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “परिंदों को उड़ने के लिए इजाजत की जरूरत नहीं। लेकिन आज के दौर में आजाद परिंदे को भी आसमान पर नजर रखनी चाहिए। बाज, गिद्ध और चील हमेशा शिकार की ताक में रहते हैं। आजादी मुफ्त नहीं, खासकर जब शिकारी देशभक्ति के पर पहनकर आते हैं।” टैगोर का यह बयान थरूर को सावधान करने का एक स्पष्ट और प्रतीकात्मक संदेश माना जा रहा है, जिसमें उन्हें पार्टी की विचारधारा और संभावित ‘शिकारियों’ (जो शायद भाजपा की ओर इशारा कर रहे हों) से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
Don’t ask permission to fly. Birds don’t need clearance to rise…
But in today even a free bird must watch the skies—hawks, vultures, and ‘eagles’ are always hunting.
Freedom isn’t free, especially when the predators wear patriotism as feathers. 🦅🕊️ #DemocracyInDanger… pic.twitter.com/k4bNe8kwhR— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) June 26, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बढ़ती दूरियां
थरूर के नए रुख ने कुछ लोगों के बीच उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों को हवा दी, हालांकि उन्होंने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनके बयान राष्ट्रीय हित और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में थे, न कि किसी राजनीतिक बदलाव का संकेत। ऑपरेशन सिंदूर एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई को संदर्भित करता है जो सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाता है।
विवाद तब गहराया जब थरूर को ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था। उनके बयानों, जिसमें उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान की सर्जिकल स्ट्राइक को कमतर आंकते हुए मोदी सरकार की कार्रवाई की प्रशंसा की, ने कांग्रेस नेताओं में भारी नाराजगी पैदा की।
थरूर ने अपने बचाव में कहा कि उनके बयानों को ‘आलोचकों और ट्रोल्स’ ने गलत तरीके से पेश किया। उन्होंने कहा, “मेरे पास बनावटी गुस्से का जवाब देने से बेहतर काम हैं।” हालांकि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ किसी औपचारिक मतभेद से इनकार किया, लेकिन यह स्वीकार किया कि दृष्टिकोण और राय में कुछ मतभेद हैं।
कांग्रेस के लिए नई चुनौती
यह पहली बार नहीं है जब शशि थरूर पार्टी लाइन से अलग राय रखते हुए दिखाई दिए हैं। वह बार-बार अपनी कांग्रेस के प्रति वफादारी जताते रहे हैं, लेकिन उनकी स्वतंत्र राय और बयान कई बार पार्टी के मुख्य संदेशों से भिन्न होते हैं। यह विवाद कांग्रेस के भीतर एकता और नेतृत्व के सवालों को एक बार फिर सामने लाता है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों और 2029 के आम चुनावों की तैयारियों में जुटी है।
थरूर जैसे प्रभावशाली नेता का पार्टी लाइन से अलग बयान देना कांग्रेस के लिए एक नई चुनौती बन सकता है, जिससे पार्टी की एकजुटता पर सवाल उठ सकते हैं। इस घटनाक्रम पर कांग्रेस आलाकमान की आगे क्या प्रतिक्रिया होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।